Thursday 31 December 2015

PavitraJyotish: Yearly Horoscope 2016 in Hindi

                        वार्षिक राशिफल वर्ष  2016

वार्षिक राशिफल वर्ष  2016

सूर्यादि नवग्रहों से हमारा जीवन सर्वदा प्रभावित होता रहता है। इन ग्रहों का प्रत्येक राशि पर संचरण करना और अपने बलाबल के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को शुभाशुभ फल देना जिससे सम्पूर्ण जीव जगत सहित प्रत्येक मानव प्रभावित होता है। सम्पूर्ण जीव जगत में मानव एक बुद्धिमान प्राणी है। जो कि खगोलीय प्रक्रिया सहित अखिल विश्व की घटनाओं और उसके प्रभाव को अति निकट से समझता है। इन सूर्यादि ग्रहों के शुभाशुभ फल को जानने की अति प्राचीन विद्या ज्योतिष विद्या है। जो कि ग्रह नक्षत्रों को आधार मानते हुए आपके जीवन में कारोबार, विद्या, यश, पुत्र, दाम्पत्य, जीवन-मृत्यु, दुःख-सुख, हानि-लाभ,रोग, स्वास्थ्य आदि का विस्तारित वर्णन करता है। इसी परिपेक्ष में अंग्रेजी वर्ष 2016 के आगमन पर प्रत्येक व्यक्ति की जिज्ञासा बढ़ जाती है कि आखिर नववर्ष 2016 उसके विभिन्न पहलुओं के लिए कैसा होगा। इस हेतु द्वादश राशियों का ग्रह गोचर के अनुसार नव वर्ष का संक्षिप्त फल आपके लिए प्रस्तुत हैः-

आइये जाने अपना राशिफल

मेष: (Aries) चु, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो,
इस राशि का स्वामी मंगल है, जिसकी स्वग्रही और गुरू की अनुकूल दृष्टि होने के कारण से इस राशि के जातको को वर्ष के प्रारम्भ में स्वास्थ्य लाभ और मान-सम्मान वृद्धि प्राप्त होगी। कैरियर के संबंधित क्षेत्रों में तरक्की के योग हैं। जनवरी व फरवरी का महीना आपके वित्तीय स्तर को उच्च करने वाला होगा। दाम्पत्य जीवन में संतान सुख की सुखानुभूति के योग बन रहे हैं। वर्ष के मध्य में छोटी-छोटी आर्थिक परेशानियां हो सकती हैं, तथा योग्यताओं को निखारने की चुनौती भी उभर सकती है, वर्ष के अंत में भी इस राशि के जातको को सेहत की समस्याएं और मानसिक आशान्ति की आशंका है। 
उपायः- श्रद्धालु जातक हनुमान प्रभु की भक्ति करके और ब्राह्मणों को उत्तम वस्तुओं की दान-दक्षिणा देकर अपने अष्टिकारी फलों से बच सकते हैं।

वृष: (Taurus), , , , वा, वि, वू, वे, वो
इस राशि का स्वामी शुक्र है। जो कि स्वगृही दृष्ट होने के कारण इस राशि के जातको के लिए प्रारम्भिक वर्ष में शुभप्रद होगा। सेहत अच्छी होगी व कारोबार को विस्तारित करने के अनुकूल अवसर पाप्त होगे। साथ ही में शनि मित्र से दृश्य होने के कारण भू-जायदाद में लाभ की स्थिति और मजबूत होगी। किन्तु शुक्र की अष्टम स्थिति के कारण जनवरी के तृतीय सप्ताह से छोटी-छोटी रूकावटे आ सकती हैं व सेहत में पीड़ाएं उभर सकती है। सितंबर के उत्तरार्द्ध में और वर्ष के अंत तक में इस राशि के जातकों को धन, कैरियर व स्वास्थ्य से संबंधित उतार-चढ़ाव देखने को प्राप्त होगे।
उपायः- इस राशि के जातकों को संबंधित अनिष्ट फल से बचने हेतु गौ पालन हेतु दान और सफेद वस्त्राभूषणों का दान, साथ ही में भगवान शिव का पूजन करना चाहिए।

मिथुन: (Gemini), की, कु, , ड.,, के, को, हा
इस राशि के जातको को नववर्ष 2016 कैरियर के लिहाज से अनुकूल अवसर प्रदान करने वाला होगा। किन्तु धन मामलों मे प्रयासों को और तेज करना होगा। बुध की गोचरीय स्थिति के कारण फरवरी के दूसरे सप्ताह और मार्च में छोटी-छोटी परेशानियां हो सकती हैं। वर्ष के मध्य भाग में शारीरिक पीड़ाएं हो सकती हैं। कार्य क्षेत्र में कुछ विरोधी परेशानी दे सकते हैं। ग्रह गोचर के अनुसार वर्ष के अंतिम भाग में आमदनी में इजाफा होगा। सामाजिक जीवन मे मान-सम्मान प्राप्त होगा। रूकी हुई योजनाओं को मूर्तरूप देने पर विचार हो सकता है।
उपाय- अनिष्ट ग्रह की शांति हेतु गणेश देवाराधना तथा दान कर्म को जारी करना होगा।

कर्क: (Cancer) ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
इस राशि के जातकों को वर्ष के प्रथम चरण में आजीविका के साधनों में बढ़त की स्थिति होगी। जनवरी के दो सप्ताह तक लग्नेश गोचरीय बुध द्वारा दृश्य होने के कारण कारोबार को विस्तारित करने में इस राशि के जातको को शनैः शनैः सफलता प्राप्त होगी। इसी प्रकार फरवरी व मार्च के महीने में व्यापार व स्वास्थ्य, शिक्षा, कैरियर का लाभ दूरदेश की यात्राओं का लाभ होगा। किन्तु जातको को संबंधित पहलुओं में छोटी-छोटी परेशानियों से भी दो चार होना पड़ सकता है। वर्ष के मध्य भाग में भी जातको को सेहत व सम्मान तथा रोजी-रोटी के क्षेत्रों में आंशिक सफलता प्राप्त होगी। वर्ष के अंतिम चरण में स्वजनों के मध्य तालमेल का आभाव झलक सकता है।
उपायः- अशुभ फल की समाप्ति हेतु जातको को भगवान शिव, सूर्य की अर्चना व ब्रह्मणों को दान-दक्षिणा देना अनिष्ट फल को हटाने में कारगर होगा।

सिंह: (Leo) ,मि, मु,मे, मो, टा, टि, टू, टे
नववर्ष 2016 इस राशि के जातको को कई मामलों में शुभप्रद होगा। वर्षारम्भ से ही लग्नेश में गुरू चंद का योग जातको को सेहत में सुधार देगा, चल रही पीड़ाओं का अंत होगा। कोई रूके हुए कार्य व व्यापार की योजनाओं को पुनः शुरू करने में मद्द प्राप्त होगी। जीवन निर्वाह के साधनों को उन्नत करने में वांछित सफलता प्राप्त होगी। संबंधित सेवा व व्यापार के क्षेत्रों में उन्नति होगी। इस वर्ष के मध्य भाग में पितृ पक्ष के मध्य तनाव व मानसिक आशान्ति उभरने की संभावना है। वर्ष के अंतिम भाग में इस राशि के जातकों को राहु शनि तथा मंगल के संबंधित गोचरों के कारण मिश्रित फल- जैसे-स्वास्थ्य में पीड़ाएं व विरोधियों से परेशानी, अदालती मामलों की भागदौड़ कार्य क्षेत्र में स्थान्तरण सम्मान की हानि व कभी वृद्धि जैसे फल प्राप्त होगे।
उपायः- अशुभ फल की समाप्ति हेतु जातकों को भगवान शिव, सूर्य की अर्चना व ब्रह्मणों को दान-दक्षिणा देना अनिष्ट फल को हटाने में कारगर होगा।

कन्या: (Virgo) टो, पा,पी, पू,, , , पे, पो
नववर्ष 2016 इस राशि के जातको को वर्ष के प्रारम्भ से ही कार्य व व्यावसाय के संबंधित क्षेत्रों में मिश्रित फल देने वाला साबित होगा। बुध का पंचमेश से संबंध होने के कारण संतान पक्ष की खुशहाली का समाचार प्राप्त होगा। प्रतियागी क्षेत्रों में सफलता होगी। आजीविका के संबंधित क्षेत्रों में उन्नति कठिन प्रयासों के बाद होगी। कला, शिक्षा, फिल्म निर्माण के कार्यों उत्पान के संबंधित कार्यों में छोटी-छोटी रूकावटें हो सकती हैं। सेहत प्रारम्भिक दिनों में अच्छी साबित होगी, किन्तु माह अप्रैल से वर्ष के मध्य में सेहत में नरमी के आसार हैं। निकट व्यक्तियों से अचानक ही विरोध उत्पन्न हो सकता है। मन व वाणी का संयम आवश्य है। वर्ष के अंत मे सेवा व कार्य क्षेत्रों में तथा नए अवसरों की तलाश में सफलताएं प्राप्त होगी। आपके विवेक का स्तर उच्च होगा। पारिवारिक जीवन में मांगलिक कार्यो को मूर्तरूप देने मे सफलता प्राप्त होगी। धैर्य व साहस अपेक्षित होगा।
उपायः- अशुभ फल की समाप्ति हेतु जातकों को भगवान शिव, सूर्य की अर्चना व ब्रह्मणों को दान-दक्षिणा देना अनिष्ट फल को हटाने में कारगर होगा।

तुला: (Libra) रा, री, रू, रे, रो, , ती, तू, ते
इस राशि के जातकों को नववर्ष आजीविका के संबंधित क्षेत्रों में लाभ दिलाने वाला साबित होगा। यद्यपि राशि स्वामी के मित्र शनि के प्रभाव वश जातकों को भू-भवन के संदर्भों में लाभ होगा। दलाली, उत्पादन, कानूनी कार्यों में जातकों को वर्ष पर्यन्त लाभ प्राप्त होगा। परन्तु मंगल का संचरण फरवरी माह में चिंताएं दे सकता है। वर्ष के मध्य भाग में स्वजनों के मध्य तालमेल का आभाव झलक सकता है, अचानक ही कहीं लंबी यात्रा में जाना पड़ सकता है। कार्य में छोटी-छोटी रूकावटे हो सकती हैं व सेहत मे सुस्ती व्याप्त हो सकती है। वर्ष के अंतिम भाग में जातकों को पद व प्रतिष्ठा का लाभ प्राप्त होगा। धनार्जन की स्थिति में सुधार संभव हैं।
उपायः- इस राशि के जातकों को संबंधित अनिष्ट हटाने हेतु हनुमान प्रभु व परमेश्वर शिव की पूजा अर्चना शास्त्रीय विधि के अनुसार करने से लाभ होगा। गौ सेवा भी अपेक्षित है।

वृश्चिक: (Scorpio) तो, ना, नी,नू, ने, नो, या, यी, यू
इस राशि के जातको के लिए नववर्ष कई पहुओं को सुधारने वाला साबित होगा। अचल सम्पत्ति व भू-जायदाद का लाभ होगा। कैरियर व व्यावसाय के संबंधित क्षेत्रों में इच्छित प्रगति होगी। यद्यपि शनि की साढे़साती का प्रभाव इस राशि के जातकों को शुरू के दिनों में छोटी-छोटी परेशानियां भी दे सकता है। कार्य व व्यापार हेतु अधिक भागदौड़ का क्रम बढ़ सकता है। तद्पश्चात् राशि स्वामी मंगल के गोचर प्रभाव वश वर्ष के मध्य भाग में इस राशि के जातकों को सामाजिक जीवन व कार्य क्षेत्र में प्रतिष्ठा का लाभ होगा। जून के मध्य भाग से उत्तेजना का क्रम अधिक तीव्र हो सकता है। इस वर्ष के अंतिम चरण में जातकों के धन, बल, विवेक की वृद्धि होगी। सेहत संदर्भों में सुधार और पदोन्नति प्राप्ति होगी।
उपायः- इस राशि के जातको को स्वकल्याण हेतु हनुमान प्रभु की, भगवती दुर्गा व सीताराम प्रभु की अर्चना करना व करवाना चाहिए तथा गुरू व ब्राह्ममणों को दान श्रद्धा व विश्वास के साथ देना चाहिए।

धनु: (Sagittarius)  ये, यो, भा, भी, भू, , , ढ़, भे
इस वर्ष 2016 में इस राशि के जातकों को वर्षारम्भ से संबंधित कार्य क्षेत्रों में तरक्की प्राप्त होगी। आपके सेवा क्षेत्रों में पदोन्नति के योग है। रूकी हुई योजनाओं को मूर्तरूप देने में प्रगति होगी। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। हंसी-खुशी के पल और अधिक प्राप्त होगे। आमदनी का जरिया और मजबूत होगा। कला, साहित्य, फिल्म, निर्माण, उद्योग, उत्पादन, प्रबंधन के सबंधित कार्यों मे पद व गरिमा की वृद्धि के योग हैं। संतान पक्ष की उन्नति होगी। व निजी संबंधों में मधुरता का क्रम होगा। सेहत को खिलाए रखने में कामयाबी हासिल होगी। सरकारी व निजी क्षेत्रों की संस्थाओं से लाभ होगा। देवारधन में रूचि होगी। किन्तु शनि की साढ़े साती का प्रभाव वर्षपर्यन्त होने के कारण छोटी-छोटी परेशानियां भी आ सकती है। इस वर्ष अगस्त माह से गुरू के शत्रुराशि में संचरण करने से शुभ फलों में कमी होती नजर आएगी। फलस्वरूप इस राशि के जातकों को आजीविका व आमदनी बढ़ाने हेतु कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। विरोधियों से परेशानियां हो सकती हैं।
उपायः- भगवान विष्णु व श्रीगणेश जी का पूजन वंदन करना व करवाना चाहिए। गुरू ब्राह्मणों की सेवा तन, मन व धन द्वारा करने से लाभ होगा। 
   
मकर: (Capricorn) भो, , जी, खि, खु,खे, खो, ,गी
इस राशि के जातकों को नववर्ष 2016 शुरूआती दिनों से ही तरक्की देने वाला होगा। स्वगृही दृष्टि होने से इस राशि के जातकों को भू-जायदाद में लाभ रहेगा। कार्य व व्यापार को विस्तारित करने के सुअवसर रहेंगे। किसी खास योजनाओं को क्रियान्वित करने का मौका प्राप्त होगा। नौकरी पेशा में सम्मान प्राप्त होगा। कैरियर को चमकाने के विशेष अवसर प्राप्त होगे। किन्तु वर्ष के मध्य भाग मे सूर्य व शनि का योग होने से स्वजनों के मध्य तनाव की आशंका रहेगी। मन में अशान्त व क्रोध की आवृत्ति रहेगी। सेहत की पीड़ाएं हो सकती हैं। कई मामलों में धनाभाव झलक सकता है। इस वर्ष के अंत में इस राशि के जातको को योजनाओं को अंतिम रूप देने हेतु अधिक संघर्ष करना पड़ सकता है। गुरू की नीच पंचम दृष्टि होने से प्रतियोगी क्षेत्रों में सफलता हेतु अधिक कशमकश करनी पड़ सकती है। कैरियर के क्षेत्रों में अचानक उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। प्रेम संबंधों में नारागी रहेगी। किन्तु संतान पक्ष से शुभ समाचार प्राप्त होगा।
उपायः- इस राशि के जातकों को भगवान शिव, सूर्य, व श्रीराधेकृष्ण की अर्चना से लाभ होगा। विप्र व गुरू के प्रति श्रद्धा व दान देने वे अशुभ फलों से बच सकते हैं।

कुम्भ:  (Aquarius) गु,गे, गो, सा, सी, सू,से, सो, दा
इस राशि के जातको को वर्ष 2016 कई मामलों में मिश्रित फल देने वाला होगा। किन्तु  शुरूआती दिनों में गुरू से शुभ दृष्ट होने के कारण सेहत खिली हुई व जोश से युक्त होगी। दाम्पत्य जीवन में खुशहाली रहेगी। कार्य व व्यापार के संबंधित क्षेत्रों की क्षमताओं में वृद्धि के योग हैं। किसी सम्मानित व्यक्ति के साथ मित्रता का लाभ होगा। किन्तु राशि स्वामी शनि का संचरण शत्रु राशिगत होने के कारण कार्यो में रूकावटे व सरकारी व निजी संस्थाओं के मध्य संम्पर्क का आभाव परिणामतः अपेक्षित लाभ अवरूद्ध होना। इस वर्ष के मध्य भाग में स्वजनों के मध्य कहासुनी की स्थिति हो सकती है। मन में असंतोष उभर सकता है। इन सब कठिनाइयों के उपरान्त भी इस राशि के जातकों को वर्षान्त तक लाभ अवश्य प्राप्त होगा। किन्तु कार्यो के संचालन में कठिनाइयां हो सकती हैं। कुछ अनचाही यात्राएं अचानक ही करनी पड़ सकती हैं। धैर्य अपेक्षित होगा।
उपायः- इस राशि के जातकों को हनुमान प्रभु व सीताराम भगवान की पूजा से लाभ होगा। अपने वैभव के अनुसार दान-दक्षिणा देना शुभफल को बढ़ाने वाला होगा।

मीन: (Pisces) दी, दू, , , त्र, दे, दो, चा, ची
इस राशि के जातको को लिए नववर्ष 2016 अच्छे मुकाम देने वाला होगा। किन्तु संबंधित कार्य व व्यापार के क्षेत्रों में इच्छित लाभ हेतु कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। लग्नस्थ केतु और राहु की दृष्टि यद्यपि आपको अचानक ही सफलता दायक होगी। किन्तु कठिन परिश्रम से इंनकार नहीं किया जा सकता है। फरवरी माह पारिवारिक जीवन की सुख शांति में इजाफा देने वाला होगा। आजीविका के प्रयासों को महती सफलता प्राप्त होगी। मन प्रसन्न व खिला हुआ होगा। किन्तु वर्ष के मध्य तक गुरू व राहु का योग अश्रद्धा व अनावश्क तर्क दे सकता है, जिससे आप प्रतियोगी और कार्य क्षेत्रों से अपने लक्ष्य से विमुख हो सकते हैं। किन्तु वर्ष के अंत में पुनः गुरू की स्वगृही दृष्टि से अनेक प्रकार से शुभफलों में वृद्धि के योग विद्यमान हैं। परिणामतः आप धर्म व शुभ कार्यों को आयोजित करने में आपकी रूचि रहेगी। विवेकी व प्रतिष्ठत लोगों से मैत्री लाभ होगा। अर्थात् ग्रहस्थिति के अनुसार शुभाशुभ फल दोनों ही आपको प्राप्त होगे।

उपायः- भगवान श्रीहरि विष्णु  की पूजा श्रद्धा विश्वास के साथ व गुरू विप्रों की सेवा से अनिष्ट  फलों को हटाकर शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं।

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