Monday 29 April 2013

मंगल ग्रह एवम् विवाह



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ग्रहों में मंगल पृथ्वी का निकटतम पड़ोसी ग्रह है। सौरमंडल में यह सातवाँ सबसे बड़ा ग्रह है। इसका व्यास 6794 किलोमीटर है जो कि पृथ्वी के व्यास का लगभग आधा है। यह ग्रह सदैव मनुष्य के लिए कौतुहल का विषय रहा है। सौरमंडल में सभी ग्रहों से मंगल की कक्षा दीर्घ वृताकार है। पृथ्वी से मंगल की दूरी 6,25,00,000 मील है। पृथ्वी के वातावरण से मंगल के वातावरण में समानता मानी जाती है।

ज्योतिष में मंगल को कालपुरुष का पराक्रम माना गया है। ग्रह मंडल में इन्हें सेनापति का पद प्राप्त है। मंगल पराक्रम, स्फूर्ति साहस, आत्मविश्वास, धैर्य देश प्रेम, बल, रक्त, दृढ़ता, महत्वाकाक्षां, खतरे उठाने की शक्ति, क्रोध, घृणा, उत्तेजना, झूठ एवम शस्त्र विद्या के अधिपति माने गये हैं।
मंगल मेष व वृशिचक राशि के स्वामी होते है। यह मकर राशि में उच्च के एवम कर्क राशि में नीच के होते है। मंगल को मृगशिरा, चित्रा एवम धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है।
मंगल ग्रह शुभत्व का प्रतीक भी है। इस ग्रह की मूलभूत प्रवर्ती प्रजनन और कायाकल्प है। फिर भी इस ग्रह को अशुभ, क्रुर, घातक इत्यादि कहा व समझा जाता है। अग्नि  तत्व होने से मंगल सभी प्राणियो को जीवन शक्ति  देता  है एवम प्रेरणा उत्साह तथा साहस का प्रेरक होता है।
मंगल का बहुत ही संक्षिप्त एवं सटीक परिचय प्रस्तुत करने उपरांत आइये हम अपने मुख्य प्रसंग / विषय मंगल ग्रह एवम विवाह पर चर्चा करें।

लग्ने व्यये च पाताले, जामित्रे चाष्ट कुजे।
कन्या जन्म विनाशाय, भर्तुः कन्या विनाशकृत।।

अर्थात जन्म कुंडली में लग्न स्थान से 1, 4, 7, 8, 12वें स्थान में मंगल हो तो ऐसी कुंडली मंगलिक कहलाती है। श्लोकानुसार जिस ब्यक्ति की कुंडली में मंगल उपर्युक्त  भावों में हो तो उसे विवाह के लिए मांगलिक वर-वधू ही खोजना चाहिए। इसके अलावा यदि पुरुष या स्त्री की कुंडली में 1, 4, 7, 8, 12वें भाव में शनि, राहु, सूर्य, मंगल हो तो कुंडली का मिलान हो जाता है। यदि एक की कुंडली में मंगल उपरोक्त  भावों में स्तिथ हो तथा दूसरे की कुंडली में नहीं हो तो इस प्रकार के जातको के विवाह संबंध नहीं होने चाहिए। यदि अनजाने में भी कोर्इ विवाह संपन्न हो जाते हैं तो या तो ऐसे संबंध कष्टकारी होते हैं या फिर दोनो में मृत्यु योग की भी संभावना हो सकती है। अत: दोष का निवारण भली भाँति कर लेना चाहिए।
आइये अब यह जानने की कोशिश करें कि आखिर मंगल की इन भावों में स्तिथि क्या-क्या विपरीत प्रभाव डालती है या क्या प्रभाव होता है।
प्रथम भाव : कार्य सिद्धि में विघ्न, सिर में पीडा, चंचल प्रवृति, व्यक्तित्व पर प्रभाव, स्वभाव, स्वास्थ्य, प्रतिष्ठा, समृद्धि, बुद्धि------
द्वितीय भाव : पैतृक सम्पति सुख का अभाव, परिवार, वाणी, निर्दयी प्रवृति, जीवन साथियो के बीच हिंसा, अप्राकृतिक  मैथून-------
चतुर्थ भाव :  परिवार व भाइयो से सुख का अभाव, घरेलू वातावरण, संबंधी, गुप्त प्रेम संबंधी, विवाहित जीवन में ससुराल पक्ष और परिवार का हस्तक्षेप, आनुवांशिक प्रकृति -----
सप्तम भाव : वैवाहिक जीवन प्रभावित, पतिपत्नी का व्यक्तित्व, जीवन साथी के साथ रिश्ता, काम शक्ति, जीवन के लिए खतरा, यौन रोग-----
अष्टम भाव : मित्रों का शत्रुवत आचरण, आयु, जननांग, विवाहेतर जीवन, अनुकूल उद्यम करने पर भी मनोरथ कम, मति-----
द्वादश भाव : विवाह, विवाहेतर काम क्रीड़ा, क्राम क्रीड़ा या योन संबंधो से उत्पन्न रोग, काम क्रीड़ा कमजोरी, शयन सुविधा, शादी में नुकसान, नजदीकी लोगो से अलगाव, परस्पर वैमनस्य, गुप्त शत्रु-----
यहाँ पर मैं स्पष्ट करना चाहूँगा कि द्वितीय भाव मैने पूर्व में कहीं भी इंगित नहीं किया था। किंतु विगत 22 वर्षो का मेरा अनुभव कहता है कि द्वितीय भाव में स्तिथ मंगल या अन्य पाप ग्रहों का उतना ही प्रभाव है जितना कि 1, 4, 7, 8 एवम 12 भावों में, द्वितीय भाव में पाप ग्रहों को कमतर आँकना कतर्इ भी संभव या उचित नहीं, क्योंकि मैने स्वयं अपने व्यक्तिगत जीवन में पाया कि द्वितीय भाव में स्तिथ मंगल या अन्य पाप ग्रह आजीवन अविवाहित या वैवाहिक जीवन को कष्टप्रद बना सकता हैं। इसमें लेशमात्र भी संदेह नहीं। अत: मेरा ज्योतिष प्रेमियों से विनम्र आग्रह है कि द्वितीय भाव का भी कुंडली मिलान में विशेष ध्यान रखना चाहिए।

अब हम जानने का प्रयास करेंगे कि किन स्तिथियों में मंगल दोष शांत या कम हो जाता है।

1: दूसरी कुंडली में भी 1, 4, 7, 8 एवम 12वें भाव में पाप ग्रह शनि, राहु, सूर्य, मंगल हो तो भौम मंगल दोष शांत हो जाता है।
2: मेष का मंगल लग्न में, वृशिचक के चतुर्थ में, वृषभ के सप्तम में, कुंभ के अष्टम एवम धनु के द्वादश में हो तो मंगल दोष कम हो जाता है।
3: यदि मंगल स्वराशि मेष, वृशिचक या मूल त्रिकोण उच्च या मित्र राशि में हो तो दोष में कमी आ जाती है।
4: कर्क एवम सिंह लग्न में लग्नस्थ मंगल का दोष कम हो जाता है।
5: 3, 6, 11 भावों में अशुभ ग्रह, केंद्र, त्रिकोण में शुभ ग्रह हो तथा सप्तमेश सप्तम भाव में हो तो दोष कम हो जाता है।
6: कन्या की कुंडली में गुरु केंद्र त्रिकोण में हो तो दोष कम हो जाता है।
7: पुरुष की कुंडली में शुक्र केंद्र त्रिकोण में हो तो दोष कम हो जाता है।
8: चन्द्र, गुरु या बुध से मंगल युति कर रहा हो तो दोष कम हो जाता है।
9: दूसरे भाव में मिथुन, कन्या का मंगल हो तो मंगल दोष कम हो जाता है।
10: चतुर्थ भाव में शुक्र की राशि (वृषभ, तुला) का मंगल दोष कम हो जाता है।
11: अष्टम भाव में गुरु राशि (धनु, मीन) का मंगल हो तो दोष कम हो जाता है।
12: सातवें भाव में मंगल पर यदि शुक्र की दृष्टि हो तो दोष कम हो जाता है।
13: यदि मंगल नीच, अस्त या वक्री हो तथा कुंडली के 1, 4, 8 एवम 12 भाव में हो तो मंगल दोष कम हो जाता है।

इस प्रकार कर्इ परिस्तिथियों  में मंगल का दोष काफी कम आँका गया है। जन्म कुंडली मिलान करते समय हमें इन सभी बातों का भी ध्यान रखना होता है।

पति-पत्नी का दाम्पत्य जीवन सुखद एवम सफल रहे इसी उद्देश्य को लेकर विवाह पूर्व जन्म कुंडली का मिलान कर गुण, स्वभाव एवम प्रकृति आदि के बारे में जाना जाता है। सर्वप्रथम हम मेलापक द्वारा गुण व गुणों की जाँच करते है जिसे अष्टकूट मिलान कहा जाता है। अष्ट कूट में दिये जाने वाले अंको को गुण कहते है। अधिकतम गुण 36 होते है। इसमें कम से कम 18गुण मिलने पर विवाह किया जा सकता है। मेरे व्यक्तिगत अनुभव में आया है कि ग्रह मैत्री एवं नाड़ी का महत्वपूर्ण स्थान है। गुण मिलान उपरांत हमें मंगल दोष विचार करना चाहिए, जिसकी कि हमने पहले की क्रमश: व्याख्या की हैं।

तदुपरांत दोनों कुंडलियों में धन विचार, परिवार का विचार, संतान का विचार, आयु का विचार, किसी भी प्रकार के नेष्ट का विचार यदि दिख रहा हो तथा भाग्य का विचार भी भली भाँति कर लेना चाहिए।

आजकल मुझे खास अनुभव में आ रहा है कि लोग साफ्टवेयर द्वारा स्वयं कुंडली मिलान कर, साफ्टवेयर द्वारा दिये गये निर्णय को ही अन्तिम निर्णय मानकर चल रहे है, किंतु मै यहां अपने ज्योतिष प्रेमियो को स्पष्ट करना चाहूँगा कि साफ्टवेयर से कुंडली मिलान उपरांत भी व्यक्तिगत रुप से ज्योतिषी से मिलकर या फ़ोन अथवा मेल से ज्योतिषी से जरूर विस्तृत मिलान करा लेवे एवं तदुपरांत ही अंतिम निर्णय (विवाह करने का) लेवे। इससे प्रत्येक व्यक्ति को सुखद वैवाहिक जीवन की अनुभूति होगी।

हम पुन: अपने विषय पर आकर यही कहेंगे कि मंगल अमंगल नहीं हो सकता यदि आप वास्तव में सचेत है तब।

यदि हम मंगल की बात करें तो मंगल निम्नांकित को प्रतिनिधित्व करता है।

शक्ति, साहस,  पराक्रम,  प्रतियोगिता,  क्रोध,  उत्तेजना,  षडयंत्र,  शत्रु,  विपक्ष,  दुराग्रही,  युवा,  छोटे भार्इ,  फौजी प्रकृति,  हवार्इ यात्रा,  मजदूर नेता,  विवाद, शस्त्र,  सेनाध्यक्ष,  युद्ध,  दुर्घटना,  अग्नि,  घाव,  भूमि,  अचल सम्पत्ति, हथियार, अग्निस्थल, रक्त,-----
स्पष्ट है निश्चित ही मंगल ग्रह हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इन्ही सब बातो को ध्यान में रखकर मंगल ग्रह को वैवाहिक जीवन में अत्यंत महत्ता दी है। कहा भी गया है ''सन्मगलं मंगल:

मंगल दोष निवृति उपाय :

1: मंगल मंत्र का जप, मंत्र: ''ऊँ अं अगारकाय नम: जप संख्या - 11,100
2: मंगल यंत्र की पूजा
3: मंगलवार के व्रत

यदि हम कुंडली मिलान में सावधानी रखे तो निश्चित ही मंगल हमारे लिए मंगलकारी होंगे।

यथा

मंगलम भगवान विष्णु, मंगलम गरुढ़ध्वज।
मंगलम पुण्डरिकाक्ष:, मंगलाय तनो हरि:।।

उमेश चन्द्र पन्त ज्योतिषाचार्य,
Celebrity Astrologer:  ganeshaspeaks, astroyogi
PAVITRA JYOTISH KENDRA
Phone-  +91-11-26496501
Mobile : +91-95821-92381
Websites :
 www.pavitrajyotish.com  

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Saturday 27 April 2013

मासिक राशिफल माह मर्इ 2013 एवम् मास के व्रत, पर्व एवम त्यौहार




मासिक राशिफल माह मर्इ 2013 एवम् मास के व्रत, पर्व एवम त्यौहार   Contact Now!

मास के व्रत, पर्व एवम त्यौहार:

कोकिला षष्ठी : 1 मर्इ,   शीतलाष्टमी, कालाष्टमी : 3 मर्इ,   एकादशी व्रत स्मति : 5 मर्इ,   एकादशी व्रत वैष्णव : 6 मर्इ,   प्रदोष व्रत : 7 मर्इ,    मास शिवरात्री : 8 मर्इ,   अमावस्या : 9 मर्इ,   परशुराम जयंती : 12 मर्इ,   अक्षय तृतीया / आखा तीज : 13 मर्इ,   गणेश चतुर्थी व्रत : 14 मर्इआध शंकराचार्य जयंतीसुरदास जयंती : 15 मर्इरामानुजाचार्य जयंती : 16 मर्इ,   दुर्गाष्टमी, अन्नापूर्णा अष्टमी, बगलामुखी जयंती : 18 मर्इ,   नवमी, जानकी जयंती : 19 मर्इ,   मोहिनी एकादशी व्रत : 21 मर्इ,   प्रदौष व्रत : 22 मर्इ,   श्री नृसिंह जयंती : 23 मर्इ,   पूर्णिमा व्रत : 24 मर्इ, वैशाखी पूर्णिमा पर्व, बुद्ध जयंती : 25 मर्इ,   संकष्ट हर गणेश चतुर्थी व्रत : 28 मर्इ ।

मासिक राशिफल:

1 मेष (Aries) चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ।
इस माह व्यापारिक कार्यो में वृद्धि, वांछित उन्नति होगी। काफी सारी मानसिक चिंताओं का भी निवारण होगा। विरोधी चाहकर भी किसी भी प्रकार का कार्याविरोध उत्पन्न नही कर पायेंगे। आप स्वर्ण, चाँदी आदि में भी निवेश करेंगे। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। सम्मानित भी किये जायेंगे। नजदीकी मित्रो से सहायता मिलेगी। पिछले रुके हुए कार्य बनेंगे। कर्इ माध्यमो से धन प्रापित होगी। उत्तराद्र्व में किसी काम को लेकर गम्भीर दुविधा में भी पड़ जायेंगे। परिश्रमानुसार परिणाम नहीं आयेंगे। अत्यधिक परिश्रम करना पड़ेगा। व्यावसायिक निर्णय सोच-समझकर लें। आपको कर्इ बडे मौके भी मिलेगे, जिन्हे आप अपनी उन्नति में प्रयोग कर सकते है। अनुभवी लोगो से व्यावसायिक सलाह की आवश्यतकता पड़ेंगी। स्वास्थ्य के दृष्टिष्गत भी परेशानियाँ आयेंगी किंतु मामूली होंगी। साझेदारी कार्यों में लाभ होगा। निकट जनो से मिलना होगा। नये संबंध बनेंगे। पत्नी के स्वास्थ्य को लेकर चिनितत रहेंगे। मासांत में खुशखबरी मिलेगी। मर्इ माह की 3, 13, 21, 23 एवम 31 तारीखे नेष्ट फलदायक है, अत: सावधान रहना चाहिए। आप गणेश जी की अराधना करें एवम नित्य ''ऊँ गं गणपतये नम: का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

2 वृषभ (Taurus) उ, , , , बा, बी, बे, बो।
इस माह उच्च पद प्रापित का कार्योन्नति का प्रबल योग दिख रहा है। पारिवारिक सामंजस्य बढ़ेगा। मित्रों से वांछित सहयोग मिलेगा। यदि आप रोजगार की तलाश में है तो लाभ होगा। मास में लाभ के कर्इ बार अवसर आयेंगे। प्रथमाद्र्व में जहाँ व्ययाधिक्य होगा वहीं उत्तराद्र्व में सिथति नियंत्रण में होगी। शत्रु पक्ष से हानि हो सकती है। आर्थिक हानि की भी सम्भावना प्रतीत होती है। कर्इ प्रकार से प्रयास करने पर ही मनोनुकूल परिणाम आयेंगे। कुल मिलाकर यह माह अत्यंत खर्चीला सिद्ध होगा। कोर्इ बड़ा व्यावसायिक समझौता हो सकता है या मसौदा तैयार करने में काफी समय देंगे। किया गया परिश्रम सार्थक सिद्ध होगा। मासांत में सभी प्रकार से सुखानुभूति होगी। कारेबार में तेजी आयेगी। स्वास्थ्य सामान्यत: ठीक रहेगा। निजी जीवन में सुख वृद्धि होगी। जीवन साथी से मधुर संबंध रहेगे। किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेंगे। कुल मिलाकर यह माह श्रेष्ठ व्यावसायिक निर्णय देगा। परिवार के किसी सदस्य में स्वास्थ्य के कारण चिनितत रहेंगे। मर्इ माह की 1, 9, 11, 19 एवम 26 तारीखे नेष्ट फलदायक है, अत: सावधान रहना चाहिए। आप नित्य विष्णु भगवान की अराधना करें एवम ''ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

3 मिथुन (Gemini) क, की, कू, , , , के, को, हा।
इस माह व्यापारिक एवं पारिवारिक अवरोधों में कमी आयेगी। पिछले बिगड़े हुए कार्य बनेंगे। आर्थिक संतुलन बनेगा। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। स्वाभिमान के कारण कार्यावरोध हटाने में कठिनार्इ आयेगी। धन प्रबंधन का भगीरथ प्रयास करेंगे। किन्ही कारणवश भविष्य को लेकर चिनितत होंगे। शत्रु पक्ष प्रभावी होने से कठिनाइयाँ भी आयेंगी। कर्इ बार परिवार में कलह की सिथतियाँ भी आयेंगी। द्रणता से ही समस्याओं का समाधान मिलेगा। साझेदारी कार्यो में हानि की संभावना रहेगी। धन की कमी बार-बार परेशानी का कारण बनेगी। आय की अपेक्षा व्यय अधिक होगा। नजदीकी दोस्त भी विश्वासधात कर जायेंगे। सार्वजनिक रुप से आपकी स्वीकारोक्ति  बिढ़ेगी। निर्णय संबंधी मामलों में सावधानी रखनी चाहिए। संतान पक्ष से शुभ समाचार मिलेगा। विकट सिथति के बावजूद आप आत्मविश्वास से लवा लव होंगे। लापरवाही के कारण स्वास्थ्य प्रभावित होगा। हो न हो दवाइयों पर खर्च होगा। यदि जीवन साथी के नाम से व्यवसाय करें तो लाभप्रद होगा। मर्इ माह की 4, 11, 22 एवम 31 तारीखे नेष्ट फलदायक है, अत: सावधान रहना चाहिए। आप गणेश जी की अराधना करें एवम नित्य ''ऊँ गं गणपतये नम: का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

4 कर्क (Cancer) ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो।
इस माह स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ आ सकती हैं। शत्रुओं की वृद्धि होगी। समाज में मान-सम्मान में कुछ कमी आयेगी। व्यापारिक सिथतियों में भी विपरीत परिसिथतियाँ दिख रही हैं। आपके सहयोग हेतु मित्रवर्ग आगे आयेगा। धार्मिक यात्रा की सम्भावना। इस माह घटनाक्रम विपरीत जायेगा। कार्य विस्तार की योजनायें भी बनेगी। भूमि-भवन का लाभ होगा। उत्तराद्र्व में व्यावसायिक आय में वृद्धि होगी। लिये गये निर्णय प्रभावकारी सिद्ध होंगे। मासांत आते-आते आय में तेज गति से बड़ी वृद्धि होगी। कुल मिलाकर इस माह पूर्वाद्र्व की अपेक्षा उत्तराद्र्व अच्छा एवम मासांत शानदार रहेगा। किसी धार्मिक आयोजन में शिरकत करने का मौका मिलेगा। इस माह व्यय भी अधिक रहेगा। लाभदायक यात्रायें होंगी। व्यावसायिक षिट से कुछ नया करने की आवश्यकता होगी। सामान्यत: स्वास्थ्य ठीक रहेगा। उदर विकार सम्भव। परिवार में किसी व्यä कि स्वास्थ्य प्रभावित होगा। विराधियों से सावधान रहें। मर्इ माह की 2, 5, 11, 20 एवम 23 तारीखे नेष्ट फलदायक हैं, अत: सावधान रहना चाहिए। आप नित्य शनि की अराधना करें एवम नित्य ''ऊँ शं शैन्नेश्चराय नम:ß का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

5 सिंह (Leo) मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे।
इस माह वाद-विवाद की सिथतियाँ उत्पन्न होंगी। व्यावसायिक कार्यो में उन्नति होगी। मित्र वर्ग आपके सहयोग हेतु आगे आयेगा। यदि आप विधार्थी हैं तो शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलेगी। वृद्वजनों का आर्शीवाद  प्राप्त होगा। प्रथमाद्र्व में आय की अपेक्षा व्ययाधिक्य होगा। यदि नवीन व्यä किे सम्पर्क में आयें तो सावधान रहना चाहिए। परिवार में कर्इ बार वाद-विवाद की सिथति उत्पन्न होगी। विगत माह की परेशानियों में कमी आयेंगी। कार्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुअवसर आयेगे, जो आगे चलकर प्रगति में सहायक होगा। उत्तराद्र्व में कार्यक्षेत्र में परिवर्तन का भी मन बनेगा। मासांत में कार्य व्यवसाय में कुछ बाधायें भी आयेगी। जीवन साथी के स्वास्थ्य को लेकर चिनितत रहेंगे। छोटी यात्राओं का अनुभव अनुकूल रहेगा। वृहद आर्थिक लाभ हेतु आपको अभी कुछ और प्रयास जारी रखने होंगे। यह आपकी लाकप्रियता का भी समय है। अपच, गैस, ऐसीडीटी जैसे रोग परेशान करेंगे। व्यावसायिक रिश्ते प्रगाढ़ होंगे। नये व्यावसायिक रिश्ते निशिचत ही लाभप्रद सिद्ध होंगे। व्यावसायिक षिट से कुछ नया करने की आवश्यकता पड़ेगी। मर्इ माह की 5, 15, 24 एवम 25 तारीखे नेष्ट फलदायक हैं, अत: सावधान रहना चाहिए।  आप नित्य हनुमान जी की अराधना करें एवम ''ऊँ हं हनुमते नम: का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

6 कन्या (Virgo) टो, पा, पू, , , , पे, पी।
इस माह मान सम्मान के साथ-साथ खुशियाँ भी लेकर आयेगा। हांलाकि आप जाती हुर्इ साढेसाती, तीसरी ढैया में हैं। किंतु निशिचत ही शनिदेव की आप पर पा होगी। राजकीय कार्यो में लाभ मिलेगा। आकसिमक ऋण लेने की सिथतियाँ आयेंगी। कार्य गति में लाभ के साथ-साथ कार्य विस्तार भी होगा। नवीन कार्य व्यवसाय स्थापित होगा। यह आपकी लोकप्रियता का भी समय है। यात्रा, देशाटन का लाभ मिलेगा। विदेश यात्रा संबंधी सिथतियाँ भी दिख रही हैं। मासांत में आय के नये साधन पुन: स्थापित होंगे। किसी नजदीकी व्यä सिे धोखा हो सकता है। भाग्योदय का सही समय है। नयी व्यावसायिक संधि भी होगी। नया वाहन खरीदने का योग। भूमि भवन से लाभ होगा। जिस काम में आप हाथ डालेंगे, वह कार्य हल होगा। अत्यधिक कामकाज के कारण स्वास्थ्य नरम सा महसूस होगा। पाचन संबंधी विकार होना सम्भव। संतान के स्वास्थ्य संबंधी चिंता होगी। जीवन साथी से संबंध मधुर रहेंगे। मर्इ माह की 11, 19, 22 एवम 24 तारीखे नेष्ट फलदायक है अत: सावधान रहना चाहिए। आप नित्य शिवजी की अराधना करें एवम ''ऊँ नम: शिवाय का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होगे।

7 तुला (Libra) रा, री, रू, रे, ता, ती, तू, ते।
इस माह आर्थिक लाभ अच्छा रहेगा। व्यापार की सिथति भी कुल मिलाकर अच्छी होगी। लेकिन फिर भी की गयी मेहनत के अनुसार वांछित परिणाम नही आयेंगे। यह कहना अतिशियोä निही कि आपके धैर्य की परीक्षा होगी। राजकीय कार्यों में मनोनुकूल सफलता नहीं मिलेंगी। विदेश यात्रा के प्रबल योग। यात्रा में सावधानी रखनी चाहिए। समाज में आप सम्मानित भी किये जायेंगे। भार्इ-बहनो से मेल मिलाप बढ़ेगा। संतान के दायित्व की पूर्ति होगी। संतान संबंधी शुभ समाचार आयेगा। पारिवारिक कलह के कारण कार्य व्यवसाय प्रभावित होगा। कर्इ मामलो में आप पर आक्षेप भी आयेंगे। शत्रु पक्ष के सक्रिय रहने से आर्थिक हानियाँ भी सम्भव। किन्ही कारणवश जीवन साथी से विवाद की सिथतियाँ आयेंगी। उत्तराद्र्व में पदोन्नति के वांछित अवसर आयेंगे। मासांत तक आपके संसाधनो में वृद्धि होगी। अचानक लाभ की मात्रा बढ़ जायेगी। कुल मिलाकर यह माह सर्वश्रेष्ठ कहा जा सकता हैं। सामान्यत: स्वास्थ्य ठीक रहेगा। घरेलू कलह से बचना चाहिए। मर्इ माह की 5, 7, 15, 17 एवम 25 तारीखे नेष्ट फलदायक है, अत: सावधान रहना चाहिए। आप नित्य शनि की अराधना करें एवम नित्य ''ऊँ शं शैन्नेश्चराय नम:  का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

8 वृशिचक (Scorpio) तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू।
यह माह रोजगार के नये अवसर लेकर आयेगा। आर्थिक लाभ का भी योग निर्मित हो रहा है। विदेश यात्रा योग। भूमि भवन का लाभ होगा। पारिवारिक अशांति के कारण कार्य व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। निकटतम लोगो से भी विवाद की सिथतियाँ आयेंगी। व्यावसायिक कार्यों में मित्र वर्ग की मदद मिलेगी। यह महीना कार्य व्यवसाय की षिट से असाधारण जायेगा। परिश्रम की मात्रा जरुर अधिक होगी। कार्य क्षेत्र में बड़ा विस्तार दिखता है। आपको उच्च कोटि के सलाह की भी आवश्यकता होगी। साढेसाती के प्रभाव के कारण वांछित सफलता उपरान्त भी उदासीनता का भाव रहेगा। व्यवसाय में साझेदारी प्रतिकूल सिद्ध होगी। मासांत कुछ परेशानियों में भी डाल सकता है। धन निवेश लाभप्रद होगा। भूमि भवन संबंधी योजनायें बनेंगी। वाहन चलाने में सावधानी रखनी चाहिए। स्वास्थ्य सामान्यत: ठीक रहेगा किन्तु भागदौड़ के कारण शारीरिक एवम मानसिक थकान भी होगी। मासांत में पारिवारिक वातावरण सामान्यत: ठीक हो जायेगा। मर्इ माह की 3, 4, 13, 20 एवम 25 तारीखे नेष्ट फलदायक है, अत: सावधान रहना चाहिए। आप गणेश जी की अराधना करें एवम नित्य ''ऊँ गं गणपतये नम: का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

9 धनु (Sagittarius) ये, यो, , भी, भू, धा, फा, ढा, भे।
इस माह खर्चो की अधिकता रहेगी। मनवांछित सफलताओं का प्रतिशत बढ़ेगा। वाद-विवाद से बचना चाहिए। राजकीय कार्यों में लाभ एवम सफलता मिलेगी। जीवन साथी के नाम से किया गया कार्य व्यवसाय लाभकारी होगा। सामाजिक रुतबा बढ़ेगा। यदि आप नौकरी करते हैं तो प्रमोशन निशिचत है। यदि आप कारोबारी हैं तो वृद्धि होगा। धार्मिक यात्रा पर भी व्यय होगा। यह माह आपके लिए चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। कार्य विस्तार की भी योजनायें आपके विभाग में चल रही होंगी। नजदीकी लोगो से आपको वांछित सहयोग मिलेगा। कठोर परिश्रम कर येन-केन प्रकार आप धनार्जन पर ध्यान केनिæत करेंगे। संतान पक्ष से सुखद समाचार मिलेगा। विरोधी चाहकर भी आपको हानि नहीं पहुँचा पायेंगे। उत्तराद्र्व आते आते आपके धन लाभ की मात्रा बढ़ जायेगी एवम मासांत में यह वृद्धि जारी रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। सामान्यत: स्वास्थ्य ठीक रहेगा। कमर दर्द, बदन दर्द एवम आंखों से संबंधित सामान्य दिक्कत आ सकती है। मर्इ माह की 9, 11, 19, 21 एवम 25 तारीखे नेष्ट फलदायक है, अत: सावधान रहना चाहिए। आप नित्य विष्णु भगवान की अराधना करें एवम ''ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

10 मकर (Capricorn) भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, , गी।
इस माह कार्य क्षेत्र में प्रगति एवम पदोन्नति होगी। राजकीय कार्य में लाभ होगा। परिवार में सामान्यत: सुख शांति रहेगी। विरोधी पक्ष बाधा उत्पन्न करने की हर सम्भव कोशिश करेंगे किन्तु मित्रों का सहयोग यह प्रयास असफल कर देगा। पग पग पर दोस्तो का सहयोग क्रय जारी रहेगा। यदि आप नया उधोग स्थापित करना चाह रहे हैं तो वांछित सफलता मिलेगी। विदेश यात्रा का योग भी निर्मित हो रहा है। भूमि भवन संबंधी कार्यों से लाभदायक प्रतिकूल मिलेंगे। यह माह कठिनाइयों से बाहर निकलने का भी साबित होगा। पुराने सम्पर्क के एवज नये सम्पर्क जुड़ेगे। अधीनस्थ व्यä द्विरा आपको मनोनुकूल समर्थन दिया जायेगा। विस्तृत कार्य योजना पर काम करेंगे जो कि फलीभूत भी होगी। पिता के स्वास्थ्य के कारण चिनितत रहेंगे। कानूनी मामलो में विजयश्री होगी। साझेदारी कार्य सोच समझकर करें। परिसिथतियाँ अनुकूल होंगी। स्वास्थ्य संबंधी थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। पाचन तंत्र, कब्ज एवम ऐसीडीटी से दिक्कते होंगी। आपकी संवेदनशीलता के कारण पारिवारिक सामंजस्य बना रहेगा। मर्इ माह की 4, 6, 14, 16 एवम 23 तारीखें नेष्ट फलदायक है, अत: सावधान रहना चाहिए। आप सूर्य की अराधना करें एवम ''ऊँ घृणि: सूर्याय नम: का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

11 कुंभ (Aquarius) गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा।
इस माह कानूनी मामलों में जीत हासिल होगी। अनावश्यक भाग दौड़ में व्यस्त रहेंगे। अत्यधिक परिश्रम करना पड़ेगा। व्यवसाय में बड़ा सुधार आयेगा। यात्रा, देशाटन का लाभ मिलेगा। धार्मिक यात्रा भी होगी।  राजकाय कार्यों में मनोनुकूल सफलता मिलेगी। मित्रो का सहयोग मिलेगा। यह भी कह सकते है कि यह माह आपके लिए विशेष अवसर लेकर आयेगा। कार्यक्षेत्र में वांछित उन्नति होगी। व्यवसाय क्षमताओ का विस्तार होगा। धन जुटाने के लिए ऋण प्रबन्धन की आवश्यकता पडे़गी। यदि आप नौकरी पेशा है तो उच्चाधिकारियों के पा पात्र बनेगे। वांछित सहयोग मिलेगा। इस माह आपकी लोकप्रियता का ग्राफ भी काफी ऊँचा होगा। प्रथमार्ध  की अपेक्षा उत्तरार्द्ध ज्यादा सफल कह सकते है। नवीन व्यावसायिक साझेदारी होगी। पारिवारिक माहौल सामंजस्य पूर्ण रहेगा। माता के स्वास्थ्य के कारण चिनितत रहेंगे। कर्इ लोग आपसे जुड़ेगे। कुल मिलाकर आर्थिक व सामाजिक षिट से यह मास उत्तम रहेगा। स्वास्थ्य सामान्यत: ठीक रहेगा। ग्रीष्म प्रकृति के रोग, अपच आदि से बचें। मर्इ माह की 1, 9, 18, 20 एवम 27 तारीखे नेष्ट फलदायक है, अत: सावधान रहना चाहिए। आप नित्य विष्णु भगवान की अराधना करें एवम ''ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

12 मीन (Pisces) दी, दू, , , ¥, दे, दो, चा, ची।
इस माह स्वास्थ्य संबंधी प्रतिकूलता में कष्ट में रहेंगे। शत्रु पक्ष पीड़ा पहुँचाने का भरसर प्रयास करेगा। प्रत्येक कार्य में पारिवारिक सहयोग मिलेगा। यदि आप बेरोजगार हैं तो रोजगार प्रापित के सुअवसर कर्इ बार आयेंगे। आजीविका क्षेत्र में कठोर श्रम की आवश्यकता पड़ेगी। आर्थिक स्तिथि सुद्रण होगी। माता के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। कोर्ट कचहरी के कार्यों में सफलता मिलेगा। कोर्इ बड़ा न्यायालयीय निर्णय आपके पक्ष में जायेगा। कहीं न कहीं भाग्य वृद्धि होगी। किसी बड़ी योजना पर काम करेंगे जो कि सफल भी रहेगी। प्रथमाद्र्व में ही व्यावसायिक मामले गति पकड़ने लगेगे। उत्तराद्र्व में सिथति मध्यम किन्तु मासांत में पुन: सिथतियाँ पक्ष में होगी। नये व्यावसायिक प्रस्ताव भी आपके सामने आयेंगे। छोटी यात्राएँ शुभप्रद होंगी। कुल मिलाकर यह माह आर्थिक बाधायें हटाने में लाभप्रद रहेगा किन्तु स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। माह में लिए गये साहसिक निर्णय दूरगामी होंगे। खान पान का ध्यान रखें। स्वास्थ्य कुछ नरम रहेगा। जीवन साथी के संबंध मधुर रहेंगे। मर्इ माह की 6, 16, 17, एवम 25 तारीखे नेष्ट फलदायक हैं, अत: सावधान रहना चाहिए। आप भगवान शिव की अराधना करें एवम ''ऊँ नम: शिवाय का नित्य जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

उमेश चन्द्र पन्त ज्योतिषाचार्य,   Contact Now!
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