Wednesday 31 October 2012

Forecast November 2012


मासिक राशिफल माह नवम्बर 2012 – प. उमेश चन्द्र पन्त ज्योतिषाचार्य

1 मेष (Aries) चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ।
इस मास में भूमि भवन के क्रय विक्रय में लाभ होगा। नवीन कार्य व्यवसाय प्रारम्भ करेंगे। अध्यात्मिक उन्नति होगी। राजकीय कार्यों में लाभ होगा। सामाजिक मान सम्मान की वृद्धि होगी। व्यावसायिक गतिविधियों में व्यस्त रहेंगे। धार्मिक कार्यो के प्रति रुझान बढ़ेगा। नित्य पूजा कार्य में व्यस्त रहेंगे। मन में शांति होगी। आजीविका के क्षेत्र में परिवर्तन भी देखने को मिलेगा। आपसे कई लोग सलाह लेना चाहेंगे। जीवन का यह शानदार समय हैं। आर्थिक लाभ में वृद्धि होगी। आपका एक गलत निर्णय परेशानी में डाल सकता हैं, अतः सोच समझकर ही निर्णय लें। ऋणों का पुर्ण भुगतान भी होगा। कही अन्य स्त्रोत से आपको धन प्राप्ति होगी। सामान्यतः स्वास्थ्य ठीक रहेगा। उदर संक्रमण, पाचन संस्थान के रोग परेशान करेंगे। खान पान का ध्यान रखें। नवम्बर माह की 4,13,19 एवम् 24 तारीखें नेष्ठ फलदायक हैं, अतः सावधान रहना चाहिए। आप नित्य गणेशजी की अराधना करें एवं नित्य ‘‘ऊँ गं गणपतये नमः’’ का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

2 वृषभ (Taurus):  , , , , बा, बी, बे, बो।
इस माह उच्चाधिकारियों से सम्पर्क बढ़ेगा। संतान से खुशी का समाचार मिलेगा। यदि आप प्रकाशन, लेखन के क्षेत्र में कार्यरत हैं तो मान सम्मान में वृद्धि व कार्य का स्तर बढ़ेगा। किसी स्त्री के कारण आपको मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पडे़गा। प्रत्यक्ष रुप में शत्रुओं से परेशानी होगी, सोच समझकर कार्य की रुपरेखा तय करें। किंतु फिर भी आपकी बुद्धिमता के कारण शत्रुओं से लाभ होगा। जीवन में कोई बड़ा परिवर्तन लाने के लिए आप किसी विशेष तकनीक का इस्तेमाल करेंगे जो कि भविष्य की योजनाओं हेतु लाभप्रद होगा। आपको वांछित सहयोग भी मिलेगा। पूर्वार्द्ध जहां विभिन्न कारणों से निराशाजनक रहेगा ,वही उत्तरार्द्ध में असर मिला जुला दिखेगा। यात्राओं की अधिकता के कारण स्वास्थ कुछ नरम रहेगा। वैक्टीरिया/संक्रमित रोगो से बचना चाहिए। माता के स्वास्थ्य के कारण कुछ चिंता रहेगी। नवम्बर माह की 2,6,13 एवम् 21 तारीखें नेष्ठ फलदायक हैं, अतः सावधान रहना चाहिए। आप नित्य सूर्य की अराधना करें एवं नित्य ‘‘ऊँ घृणिः सूर्याय नमः’’ का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

 3  मिथुन (Gemini):, की, कू, , , , के, को, हा।
इस माह सामाजिक क्षेत्र में आपका वर्चस्व बढ़ेगा। भूमि या भवन के विवाद के कारण मानसिक अशांति होगी। कोर्ट कचहरी के चक्कर मास में काटने पड सकते हैं। सामान्य सी बात पर कानूनी विवाद उत्पन्न होगा। कानूनी विजय होगी। विदेश यात्रा का योग, यात्रा, देशाटन या तीर्थाटन होगा। नवीन रोजगार प्राप्ति में सहायता मिलेगी। कामकाज में वांछित गुणात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा। आजीविका संबंधी मूलभूत समस्या का स्थायी समाधान मिलना सम्भव। वांछित सहयोग मिलने से आपका कार्य सम्पादन उच्च कोटि का होगा। इस माह आपको अत्यधिक संघर्ष भी करना होगा। ग्रहस्थितियां अनुकूल होने के कारण संघर्ष अनुरुप सफलता का प्रतिशत भी अच्छा होगा। आर्थिक संशाधनों में वृद्धि होगी। अत्यधिक परिश्रम व अनियमित दिनचर्या के कारण स्वास्थ्य प्रभावित होगा। उदर विकार, कमर दर्द से प्रभावित रहेंगे। दाम्पत्य जीवन सामान्यतः ठीक रहेगा। जीवनसाथी की बातों पर भी ध्यान दें। नवम्बर माह की 1, 12, 24 एवं 30 तारीखे नेष्ट फलदायक हैं। अतः सावधान रहना चाहिए, आप नित्य विष्णु भगवान की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’’ का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

4 कर्क (Cancer):ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो।
इस माह व्यापारिक गतिविधियां तेज होंगी। यात्राओं की अधिकता रहेगी। समाज में वर्चस्व बढ़ेगा। रचनात्मक क्रिया कलापों में हिस्सा लेंगे। काम काज में अड़चने आयेंगी। खर्च की अधिकता के कारण मानसिक तनाव होगा। अधिकतम व्यय यात्राओं पर होगा। राजकीय कार्यो में सफलता हाथ लगेगी, नित्य नई-नई कठिनाइयो के कारण परेशानी होगी। जीवनसाथी से बनाया हुआ तालमेल ही आपको वांछित सम्भल देगा। उत्तरार्द्ध में परिस्थितियां आपके पक्ष में होगी। आप लाभ की मात्रा का आंकलन करना शुरु करेंगे। तमाम परेशानीयों के बावजूद भी आपके मित्र आपका साथ देंगे। ऋण लेने की स्थितियां आयेंगी। यदि आप नौकरी करते है तो आप मासांत तक स्थितियां अपने पक्ष में करने में सफल होंगे। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। चोट या वाहन दुर्घटना से सचेत रहें। परिवार में मामूली तनातनी की स्थितियां उत्पन्न होगी। नवम्बर माह की 5, 16, 27 एवम् 30 तारीखें नेष्ठ फलदायक हैं, अतः सावधान रहना चाहिए। आप नित्य गणेशजी की अराधना करें एवं नित्य ‘‘ऊँ गं गणपतये नमः’’ का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

5 सिंह (Leo):  मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे।
इस माह भौतिक सुख सुविधाओं में वृद्धि होगी। सुख सुविधाओं से संबंधित वस्तुओं पर व्ययाधिक्य होगा। यदि आप नवीन कार्य योजना तैयार कर रहे हैं तो मित्रवर्ग आपकी सहायता के लिए खुलकर आगे आएगा। आपका राजनैतिक वर्चस्व बढ़ेगा। सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगे। व्यवसाय में अत्यंत प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। आपकी मानसिकता में भी परिवर्तन आयेंगे। घरेलू समस्याऐं मंुह बांए खड़े होंगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढाने हेतु आप प्रयासरत रहेंगे। पिछले माह की अपेक्षा स्थितियों में सुधार होगा। नए कार्य व्यवसाय की नीवं रखेंगे। व्यापार में आप कुछ नया कर दिखाने की सोचेगे। तमाम कोशिशों के बावजूद आर्थिक स्थिति आपके पक्ष में नही होगी। प्रथमार्द्ध की अपेक्षा उत्तरार्द्ध अपेक्षाकृत अनुकूल प्रतीत होगा। भाई-बहनों से कुछ मदद मिल सकती है। यदि आप जीवनसाथी के नाम से कार्य व्यवसाय करें तो अपेक्षाकृत अनुकूल रहेगा। स्वास्थ्य भी मध्यम रहेगा। अनिश्चितता के कारण मानसिक तनाव की स्थितियां आएगी। नवम्बर माह की 3,9,17 एवम् 22 तारीखें नेष्ठ फलदायक हैं, अतः सावधान रहना चाहिए। आप नित्य सूर्य की अराधना करें एवं नित्य ‘‘ऊँ घृणिः सूर्याय नमः’’ का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

6 कन्या (Virgo): टो, पा, पू, , , , पे, पी।
इस माह व्यक्तिगत कार्यों हेतु किए गए प्रयास सार्थक सिद्ध होंगे। अपने कृर्तव्य व दायित्व के प्रति सचेत रहे। यदि आप राजनीति में विश्वास रखतें हैं, कदम रखें तो सफलता मिलेगी। रोजगार प्राप्ति के अवसर आयेंगे। यदि आप व्यवसायी है तो समय अनुकूल है, कार्य व्यवसाय को गति दे तो वांछित लाभ होगा। आर्थिक सुविधाओं का उन्नयन होगा, सुख साधन में वृद्धि, वाह्य लोगों का भी समर्थन हासिल होगा। नौकरी वर्ग के लिए उच्चाधिकारी अनुकूल रहेंगे। आपका कार्य कौशल उभरकर सामने आयेगा। नये व्यवसायिक गठजोड़ भी सम्भव। कई लोग ईर्ष्यावश दूष्ट भूमिका भी दिखायेंगे, किंतु सफलता नही मिलेगी। कार्यस्थल पर आपका प्रभुत्व उच्चस्थ होगा। संचार के क्षेत्र में वांछित सफलता, उत्तरार्द्ध में किसी बड़े खर्च में पड़ जाएगें। विस्तार के कारण समस्या भी बढ़ेगी जो कि निश्चित भी हैं। सामान्यतः स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। खान पान पर ध्यान दें। बड़ी पार्टियों में भी शामिल होने का अवसर मिलेगा। नवम्बर माह की 1, 9, 14 एवम् 19 तारीखें नेष्ठ फलदायक हैं, अतः सावधान रहना चाहिए। आप नित्य गणेशजी की अराधना करें एवं नित्य ‘‘ऊँ गं गणपतये नमः’’ का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

7 तुला (Libra): रा, री, रू, रे, ता, ती, तू, ते।
इस माह नवीन कार्य योजना को बल मिलेगा, नये व्यक्तियों से सम्पर्क स्थापित होगा। वाहनादि क्रय योग। सामाजिक प्रतिष्ठा व यश प्राप्ति होंगी। पूर्व में रुके हुए कार्य सम्पन्न होंगे। साझेदारी कार्य शुभप्रद, सफल होंगे। पूर्वार्द्ध में जहां कार्य योजनाओं में बाधाये आयेंगी। वही उत्तरार्द्ध में घीरे-धीरे परिस्थितियां आपके पक्ष में हो जाएगी। भूमि भवन संबंधी कार्य व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निजी कार्य परेशानी का सबब बनेंगे। राजकीय पक्ष से लाभ की मात्रा में न्यूनता आयेगी। आर्थिक स्थिति कमजोर होते हुए भी काम चलता रहेगा। आप जो भी व्यवसाय करें उसमें अल्पकालिक योजनाओं की बजाय, दीर्घकालिक आंकलन  ही करें। पुराने रुके हुए धन की प्राप्ति होगी। उत्तरार्द्ध में भी भागीदारी कार्य सफल होंगे। कार्यक्षेत्र में नये परीक्षण भी करेंगे। यदि आप नौकरी करते है ता मासांत में प्रोन्नति योग आयेगा। बार बार के व्यावसायिक ऊँच नीच, घरेलू कलह व सामंजस्यता की कमी के कारण मानसिक तनाव उत्पन्न होगा। नवम्बर माह की 10,15,22 एवं 27 तारीखें नेष्ट फलदायक है। अतः सावधान रहना चाहिए। आप शनि की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ शं शंन्नैश्चराय नमः ’’ का नित्य जप करें। हितकर होगा। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होगे।

8 वृश्चिक (Scorpio):तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू।
इस माह का व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होंगी। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें जो चल रही थी वह कम होंगी। पारिवारिक विवाद पैतृक सम्पत्ति को लेकर शुरु होगा एवं जो लम्बे समय तक मानसिक परेशानी देगा। स्थान परिवर्तन भी सम्भव। महिला के सहयोग से कार्य व्सवसाय में उन्नति होगी। राजकीय कार्यों में सहयोग मिलेगा। आपके मन में भी उत्साह का संचार रहेगा किंतु फिर भी यदा-कदा आशंकाएँ बनी रहेंगी। व्यवसायिक गतिविधियों का आप नवीनीकरण करेगे। नए लोगों से इस बावत मुलाकात व बातचीत होंगी। उत्तरार्द्ध में आर्थिक लाभ में निरंतरता आयेगी। ग्रह स्थितियां भी तदंतर अनुकूल होंगी। शत्रु पक्ष आपकी गतिविधियों व ऊर्जा को देखकर ही परास्त हो जाएगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। दूषित भोजन, दूषित पानी से परेशानी होगी एवम् स्वास्थ्य गड़बड़ायेगा। यात्रा, देशाटन का लाभ मिलेगा। परिचितों से अदब से पेश आने के कारण आपकी प्रशंसा होगी। नवम्बर माह की 7,18,24 एवं 30 तारीखें नेष्ट फलदायक है, अतः सावधान रहना चाहिए। आप हनुमान जी की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ हं हनुमते नमः ’’ का नित्य जप करें। हितकर होगा। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होगे।

9 धनु (Sagittarius): ये, यो, , भी, भू, धा, फा, ढा, भे।
इस माह मांगलिक कार्यों पर धन व्यय होगा। कार्य व्यवहार अच्छा रहने से उन्नति के अवसर आयेगे। खर्च की अधिकता के कारण उच्चाटन की सी स्थितियां आयेंगी। संतान सुख की प्राप्ति। संतान से सुखद समाचार मिलेगा। धार्मिक क्रियाकलापों में रुचि बढ़ेगी। विदेश यात्रा संभव। ध्यान रहे कि मर्यादा का उल्लंघन न हो। विगत माह से हो रही कठिनाइयों के कारण आपने काम-काज का तरीका ही बदल दिया हैं, जिस कारण दैनिक लाभ में वृद्धि हो रही हैं। साझा कार्य आपके अनुकूल रहेगा। वर्तमान स्थितिनुसार आपके व्यवसाय में उन्नति होते दिख रही है। ऋण लेने की स्थितियां आयेगी। पारिवारिक मामलों में आप समझदारी से कार्य लें। उत्तरार्द्ध में लाभ की मात्रा बढ़ जायेगी। सफलता का अनुपात पूर्वार्द्व की अपेक्षा अच्छा होगा। जीवन साथी के नाम से किया गया व्यवसाय लाभप्रद होगा। असंतुलित भोजन आहार के कारण, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आयेगी। ज्वर, शीत प्रकृति के रोग भी परेशान करेंगे। मासांत में रिश्तों में आई कड़वाहट कम हो जायेगी।नवम्बर माह की 1, 6, 13, 18 एवं 22 तारीखे नेष्ट फलदायक हैं, अतः सावधान रहना चाहिए, आप नित्य विष्णु भगवान की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’’ का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

10 मकर  (Capricorn):  भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, , गी।
इस माह व्यापारिक कार्यों में प्रतिकूलता देखने को मिलेगी। साझेदारी में सावधान रहें। संतान पक्ष में निराशा हाथ लगेगी। किसी विशेष कार्य में विफलता के कारण मन में खिन्नता रहेंगी। वाहन, भूमि अथवा भवन क्रय का योग बन रहा है। इस माह आपका कार्य कौशल देखने लायक होगा। नई-नई योजनाओं के क्रियान्वन पर ध्यान केंद्रित रहेंगा। हो रही परेशानियों से आप बिल्कुल भी टस से मस नही होंगे। उत्तरार्द्ध में परिस्थितियां आपको हाथ से निकलती लगेगी किंतु सब कुछ आपके अनुकूल भी हो जायेगा। मासांत में धन की आवक बढ़ने लगेगी। किसी निकटतम मित्र से दूरी हो सकती है। किसी कार्य को लेकर कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ेंगे। शीघ्र ही आपको की गयी गलती का अहसास होने लगेगा। स्वास्थ्य नरम रहेगा। उदर विकार, पित्त विकार या ब्लड प्रेशर परेशान करेंगा। पारिवारिक सदस्यों की बातों को भी आपको अहमियत देनी चाहिए। आशिंक सफलता बावजूद आप आवेशित रहेंगे। नवम्बर माह की 5, 18, 24, 27 एवम् 30 तारीखें नेष्ठ फलदायक हैं, अतः सावधान रहना चाहिए। आप नित्य लक्ष्मी-गणेश की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ श्री नमः’’ ‘‘ऊँ गं गणपतये नमः’’ का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।
 11 कुंभ(Aquarius)गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा।
इस माह स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियों से जुझना पड़ेगा। निरंतर भागदौड़ की स्थितियां बारम्बार आयेंगी। लम्बी यात्राऐ करनी पड़ सकती हैं, जिनमें विदेश यात्रा योग प्रमुख है। राजनैतिक लाभ प्राप्ति संभव। राजकीय कार्यों में अनुकूल सफलता मिलेगी। सामान्यतः घटनाऐं नकारात्मक न होने से परिस्थितियों में विजय मिलेगी। यह एक महत्वपूर्ण दौर चल रहा होगा। आपको एक शक्तिशाली आश्रय की आवश्यकता पड़ेगी। आपकी लोकप्रियता में वृद्धि होगी। आपकी लोकप्रियता से विरोधी पक्ष तिलमिला जाएगा। संतान के संबंध में सुखद समाचार आएगा। प्रथर्मार्द्ध जहां सुखद जाएगा वहीं उत्तरार्द्ध में दिक्कतों का सामनी करना पड़ेगा। वही मासांत में व्यावसायिक परिस्थितियों में एक शानदार बदलाव दिखेगा। जीवन साथी से संबंधों में कटुता आएगी जिस कारण मन उद्वेलित रहेगा। सामान्यतः स्वास्थ्य ठीक रहेगा। वैक्टीरिया से होने वाले रोगों से सावधान रहें। मासांत में एक सुखद व्यावसायिक संधि भी होगी। नवम्बर माह की 3, 15, 22 एवम् 29 तारीखें नेष्ठ फलदायक हैं, अतः सावधान रहना चाहिए। आप नित्य गणेशजी की अराधना करें एवं नित्य ‘‘ऊँ गं गणपतये नमः’’ का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

12 मीन (Pisces)दी, दू, , , , दे, दो, चा, ची।
इस माह में सामाजिक मान सम्मान में वृद्धि होगी। कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ेगे। कोर्ट कार्यों में विजय होगी। राजकीय कार्यों में लाभ होगा। विद्यार्थीयों को उच्च शिक्षा का लाभ मिलेगा। नजदीकी लोगो से आर्थिक मदद मिलेगी। छोटी यात्राओं की अधिकता रहेगी। इस माह आर्थिक क्षेत्र में वांछित सफलता मिलेगी। यह विशेष उपलब्धि का समय सिद्ध होगा। नये-नये प्रयोग करेंगे। कार्य विस्तार की नई योजनाएं बनायेंगे जो कि सफल भी होंगे। यह आपके कार्य का उत्कृष्ट मूल्यांकन सिद्ध होगा। व्यवसाय हो या नौकरी दोनो ही क्षेत्र में उन्नति के द्वार खुलेंगे। उत्तरार्द्ध में ऋण प्रबंधन भी करना पड़ सकता है। साझेदारी कार्य में कोई नया व्यक्ति प्रवेश पा सकता है। आप काम-काज को अत्यंत युक्ति संगत व सुचारु करेंगे। स्वास्थ्य में कष्ट प्रतीत होगा। उदर विकार, रक्त चाप संबंधी समस्या दिक्कते करेंगी। जीवन साथी से संबंध मधुर रहेंगे। नवम्बर माह की 3, 10 ,21 एवं 27 तारीखें नेष्ट फलदायक है, अतः सावधान रहना चाहिए। आप शनि की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ शं शंन्नैश्चराय नमः ’’ का नित्य जप करें। हितकर होगा। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होगे।

उमेश चन्द्र पन्त
Celebrity Astrologer
www.astrologerumesh.com
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Saturday 27 October 2012

Horoscope 2013 Varshphal


Stop suffering silently !!!!

2013 is Near ! The New Year is bound to bring a whole new set of surprises, opportunities and challenges . Now what if you could know when that good luck or bad luck is about to come for you, so that you could be better prepared for it . With Vedic Astrology, you can ! See this.
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Pavitra Jyotish Kendra

Wednesday 17 October 2012

RUDRAKSHA BEADS PART- II BY PT. UMESH CHANDRA PANT


To be continued from previous ……

KNOW  ABOUT  RUDRAKSHA  BEADS PART- II BY  PT. UMESH CHANDRA PANT 

Rudraksha means “Eyes of Shiva” and is powered with mystical, spiritual and medicinal powers that enhance the well being of the wearer, Shiva Mahapurana describe Rudrksha origin as Lord Shiva’s tear. The beads impart astrological benefits and it is believed that the wearer of Rudraksha is always untouched by sins, impious thoughts and deeds. The powers of Rudraksha are associated with the number of mukhi or faces the beads have. The Rudraksha beads can have a number of faces ranging from 1-38. But the most common one from 1 to 14 mukhi , Gauri Shankar & Ganesh Rudraksha.

Eight faced Rudraksha / 8 Mukhi Rudraksha / Aath Mukhi Rudraksha

The deity of Eight faced Rudraksha is Lord Ganesha and so the person wearing this will never have any obstacles in his path and will enjoy professional success. This bead cures the negative effects of Rahu and is excellent for people having Sarpa Dosha in their horoscope charts. This is a very beneficial bead.

Nine faced Rudraksha / 9 Mukhi Rudraksha / Nau Mukhi Rudraksha

The representing deity is Aadhya Shakti Maa. This bead is worn by Devi Bhaktas and it cultivates patience in the wearer. Negative effects of Ketu are controlled by this bead and it supports mastering foreign languages.

Ten faced Rudraksha / 10 Mukhi Rudraksha / Dus Mukhi Rudraksha

Lord Mahavishnu is the regarded as the God of Ten faced Rudraksha. Creating a feeling of security, this bead helps the wearer to overcome difficult times. There is no ruling planet for this bead and gives the power of concentration.

Eleven faced Rudraksha / 11 Mukhi Rudraksha / Gyarah Mukhi Rudraksha

The representing deity of Eleven faced Rudraksha is Lord Aanjaneya or Hanuman. More beneficial for women this bead gives her a caring wealthy husband and is blessed with male progeny. The wearer knows no fear and it protects the wearer from Aakal Mrityu or sudden death.

Twelve faced Rudraksha / 12 Mukhi Rudraksha / Barah Mukhi Rudraksh

Lord Surya is the represented deity of Twelve faced Rudraksha bead. Negative effects of Sun God are controlled and help in ruling and creating a powerful aura. This bead can be worn by those who cannot acquire a single faced Rudrkasha as these both have similar effects.

Thirteen faced Rudraksha / 13 Mukhi Rudraksha / Therah Mukhi Rudraksha

The representing deity of Thirteen faced Rudraksha is Lord Indra, the Hindu God of Devas. This is a very rare bead and showers the wearer with all worldly comforts and authority. The wearer is equivalent to a King and individuals become victorious in challenging situations.

Fourteen faced Rudraksha / 14 Mukhi Rudraksha / Chaudah Mukhi Rudraksha

The representing deity is Lord Hanuman. It is a powerful bead and it shows instant effects and original 14 faced Rudraksha is very hard to find. The negative effects of Planet Saturn or Lord Shani are controlled by this bead and the wearer develops the quality of successful prediction and achieves every difficult goals.

Gauri Shankar Rudraksha
Gauri Shankar Rudraksha is a combination of two naturally blended Rudrakshas. The representing deity is Lord Shiva and Mata Parwati. When you will see the Gauri Shankar Rudraksha, it is shown as a single Rudraksha piece blended with a combination of two Rudrakshas, with one Rudraksha over the other. Effective for couples, delay in marriage , marital happiness, attraction power , highly effective for keeping harmony and comfort in the family. etc. It makes them understand each other and identify each other.

Ganesh Rudraksha
The representing deity is Lord Ganesha.  When you will see the Ganesh Rudraksha, it is shown as a Rudraksha with an analogous Trunk like elevation as the Lord Ganesha.  Effective for intelligence, knowledge, prudence, and supremacy, accomplishes in any and every sphere of life, it helps in improving the concentration ability, memory power and the sense of balance in a person. Highly recommended for students and problems from the way of a person’s success.

Celebrity Astrologer
Pt. Umesh Chandra Pant

Friday 12 October 2012

Navratri Special


Pavitra Jyotish Kendra - Astrologer Umesh
210 A / 2 , Second Floor , Shahpur Jat , New Delhi 110049 India
Tel: +91-9582192381 ,011-26496501
Email: 
astrologerumeshpant@gmail.com
Website: 
www.pavitrajyotish.com
आश्चर्यजनक एवं सशक्त ..... परिणाम ...... निश्चित ही

क्या आप धन के कारण परेशान है ? क्या आपके पास पैसा नहीं टिकता या फिजूल खर्ची हो जाती है ? क्या आपका भाग्य सही प्राप्ति मे सदैव धोखा कर जाता है ?  आप मेहनत तो बहुत करते है , किन्तु जब परिणाम आता है तो निराशा हाथ लगती है ? क्या आपको सही समय पर सफलता नहीं मिल पाती ? क्या आपके पास धन की सदैव कमी ही रहती है ? क्या आपके घर मे कोई वास्तु दोष है ? क्या आपके दिमाग मे निरंतर नकारात्मक विचारों का आगमन होता रहता है ? प्रश्न हजारो .. परेशानी अनंत ... किन्तु समाधान एक ...

श्री श्री महायंत्रम इसकी जितनी व्याख्या की जाय या तारीफ की जाय वह कम होगी , वह सूर्य को दीया दिखाने सा होगा | इसकी अधिष्ठात्री देवी स्वयं श्रीविद्या है | यह अत्यंत शक्तिशाली देवी ललिता का पूजा चक्र है | यह सर्वरक्षाकारक ,सर्वव्याधिनाशक, सर्वकष्टनिवारक है |
वर्तमान भौतिकवादी युग एवं स्पर्धा मे लक्ष्मी अर्थात धन का विशेष महत्व है | शास्त्रों  मे कहा गया है लक्ष्मी चंचला है एवं चतुर भी | शास्त्रों मे लक्ष्मी अर्थात धन की स्थिरता व शांति के कई उपाय बताये गए है |  श्री श्री महायंत्रम पूजन सबसे कारगर व निश्चित फलदायक है |

शुद्ध एवं अभिमंत्रित स्फटिक श्री श्री महायंत्रम की प्राप्ति हेतु आप अपना नाम, पिता का नाम , गोत्र व शहर / गांव का नाम भेजकर दिनाक १६ अक्टूबर २०१२  से प्रारंभ हो रहे नवरात्रे मे अपने नाम का श्रीयंत्र निर्माण करवा सकते है |
विस्तृत जानकारी हेतु तुरंत पंडित जी से फोन लाइन पर संपर्क करे या ईमेल करे एवं स्थापित करे, श्री श्री महायंत्रम एवं पाये अलोकिक परिवर्तन | सौभाग्यशाली अवसर बार बार नहीं आते | देर नहीं करिये तुरंत निर्णय लीजिए |

आपके द्वारा श्रीयंत्र प्राप्ति हेतु धनराशी जमा करने  उपरांत ही नवरात्रों मे  यन्त्र को आपके नाम से अभिमंत्रित कर पूजन विधि सहित आपके घर कुरिएर या स्पीड  पोस्ट से भेज दिया जायेगा|

सुभेछु
पण्डित उमेश चंद्र पन्त





Sunday 7 October 2012

Rudraksha Beads by Pt. Umesh Chandra Pant


KNOW  ABOUT  RUDRAKSHA  BEADS PART- I BY  PT. UMESH CHANDRA PANT 
Rudraksha Power is a distinguished organisation and provides solutions to various human troubles through effective use of Rudraksha. Rudraksha is a world-popular seed and comprises immense religious, medicinal and spiritual values to take out individuals from their miseries of Wealth, Health, Prosperity, Protection, Self-Empowerment etc. A wide range of Rudraksha’s products are offered that successfully helps people to gain satisfaction and joy.

TYPES OF RUDRAKSHA BEADS AND SIGNIFICANCE
Details of the popular 14 types of Rudraksha Beads and its significance. There are many types of Rudraksha Beads from one faced Rudraksha to 108 type Rudraksha. However not all of them are available now a days and only the first fourteen types are popular. Below are the details of 14 Types of Rudraksha beads and their significance and representing Gods.

Types of Rudraksha Beads and Its Importance

One Faced Rudraksha / 1 Mukhi Rudraksha / Ek Mukhi Rudraksha
The one faced Rudraksha beads are very rare to find and hence are very costly. It represents Lord Shiva and wearing this one gets rid of all past sins. The person wearing this gets all pleasures in life and also cures the negative effects of Hindu Sun God and the individual charms like Lord Surya himself.

Two Faced Rudraksha / 2 Mukhi Rudraksha / Do Mukhi Rudraksha
Two Faced Rudraksha bead showers domestic pleasures in couples for fulfilling long lasting relationships as it represents Lord Ardhanariswara (Ardhanareeswara or Uma Maheswara). Here there is a harmony between energies of both male and female and it is a bead for improving relationships. The bead controls the negative effects of Hindu Moon God and it stabilizes the mind of the person wearing it.

Three faced Rudraksha / 3 Mukhi Rudraksha / Teen Mukhi Rudraksha
The deity represented in Three faced Rudraksha is Lord Agni (Hindu God of Fire) which gives the wearer a confidence and energy to tackle any situation. It reduces the negative effects of Lord Mangal (Kuja or Planet Mars) and increases the energy levels in the body. It also keeps a control of temperaments of the person wearing it.


Four faced Rudraksha / 4 Mukhi Rudraksha / Char Mukhi Rudraksha

Lord Brahma is the deity represented in Four faced Rudraksha and so increases the power of thinking. It removes the negative effects of Lord Budha or Planet Mercury and helps the wearer in developing speech. It also helps people with respiratory tract problems.

Five faced Rudraksha / 5 Mukhi Rudraksha / Panch Mukhi Rudraksha
Five faced Rudraksha is the most yielded bead among all other Rudraksha beads. This is a bead of good luck and represents Lord Shiva. This bead cures the negative effects of Lord Brihaspathi or Planet Jupiter and calms the mind of the wearer and protects him from all adverse situations.

Six faced Rudraksha / 6 Mukhi Rudraksha / Cheh Mukhi Rudraksha
The God of Six faced Rudraksha is Lord Kartikeya or Lord Subramanya who blesses the wearer with victory and wisdom. The negative effects of Lord Sukhra or Planet Venus are controlled in the wearer and it gives the power of attracting other individuals.

Seven faced Rudraksha / 7 Mukhi Rudraksha / Saat Mukhi Rudraksha
The Hindu God of Seven faced Rudraksha is Goddess Mahalakshmi, the goddess of wealth. The bead controls the negative powers of Planet Saturn or Lord Shani and the wearer never faces poverty. The bead is usually kept in the place of worship and not worn on the body.

Continue …………
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Thursday 4 October 2012

Forecast October 2012


मासिक राशिफल माह अक्टुबर 2012 – प. उमेश चन्द्र पन्त – ज्योतिषाचार्य


  मेष (Aries) चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ।
इस माह काम का बोझ बढेगा, जिस कारण दिन चर्या अत्यंत प्रभावित होगी।   पूर्ववत सम्पर्को से अच्छा लाभ होगा, स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहे।  यदि आप नवीन कार्य प्रारम्भ करना चाह रहे हैं तो मित्रवर्ग से मदद मिलेगी।  भ्रमित होने से बचना चाहिए।  उच्च वर्ग के सम्पर्क में आयेगे।  कार्य व्यवसाय को गति मिलेगी।  श्रेष्ठ सृजन की स्थितियां आयेगी।  अत्यधिक परिश्रम के कारण, अन्य कार्यो में अकारण विलम्ब होगा।  ईश्वर अराधना में तल्लीन रहेंगे।  व्यवसाय के क्रम में आय अपनी कार्यशैली में वृहद परिवर्तन करेगे।  आपके सहायतार्थ कई लोग आगे आयेंगे, भागीदारी पर सोच समझकर ही निर्णय लें।  गृह क्लेश की स्थितियां भी आयेंगी।  इस माह आप कोई नया व्यावसायिक अनुबंध भी करेगें।  अत्यधिक परिश्रम के कारण शारीरिक थकान, उदर विकार एवं यदा कदा मानसिक तनाव भी होगा। पैतृक सम्पति पर आंच आ सकती है।  अक्टूबर माह की 2, 10, 14 एवं 23 तारीखे नेष्ट फलदायक हैं।  अतः सावधान रहना चाहिए, आप नित्य विष्णु भगवान की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’’ का जप करें।  शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

2 वृषभ (Taurus): उ, इ, ऐ, ओ, बा, बी, बे, बो।
इस मास आप कुछ कष्ट में रहेंगे।  कुछ समय तक मानसिक परेशानियां होंगी,
स्वास्थ्य सम्बंधी गिरावट भी देखने को मिलेगी। सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे। अत्यधिक भागदौड़ भी होगी। किसी स्त्री के कारण मन उदास एवं असंतोष रहेगा, परिवर्तन का उत्तम समय प्रारम्भ हो रहा है, बहुत अधिक श्रम कर परिस्थितियों को अनुकूल बनाने का प्रयास करेंगे। प्राप्त अवसरो का पूरा लाभ उठा पाने में समर्थ नहीं होंगे। किसी खास परिस्थिति के कारण कही गयी बात से नजदीकी व्यक्ति आपसे नाता तोड़ सकता है स्त्री वर्ग से लाभ भी होगा, साझेदारी सम्बन्धी प्रस्ताव आयेंगे जिन्हे आप सिरे से नकार देगे। वैक्टीरिया सम्बन्धी बिमारी के कारण परेशान हो सकते हैं। सामान्यतः स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आर्थिक संकट की विकट स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं, पारिवारिक तनाव से भी परेशान रहेगे। दैनिक अनियमितता के कारण उदर विकार, डायरिया आदि भी परेशान करेगे। अक्टूबर माह की 6, 14, 23 एवं 29 तारीखें नेष्ट फलदायक हैं, अतः सावधान रहना चाहिए, आप नित्य लक्ष्मी व गणेश जी की पूजा करें एवम् ‘‘ऊँ श्री नमः’’ व ‘‘ऊँ गं गणपतये नमः’’ का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

3 मिथुन (Gemini): क, की, कू, घ, ड, छ, के, को, हा।
इस माह में आप व्यर्थ के झमेलों व प्रपंचों से बचें। स्वास्थ्य का आपको विशेष ध्यान रखना चाहिए। यात्रा का योग किसी समाचार के कारण चिंता उत्पन्न होगी। अचानक ही लम्बी यात्रा का योग बनेगा। स्त्री से ली गयी सलाह कारगर सिद्ध होगी। आपकी लोकप्रियता बढ़ने का भी वांछित समय है। कार्य व्यवसाय में महत्वपूर्ण परिवर्तन का मन बनेगा। आपको विभिन्न प्रकार के षडयंत्रों में उलझने का भी भय है, आपको मानसिक रुप से तैयार रहना चाहिए। श्रम साध्य अनुरुप आर्थिक लाभ नही होगा किन्तु आपको उसी में संतुष्ट होना पड़ेगा। इस मास में शुभ घटनाएं भी आयेगी एवम् कुछ मित्र आपकी मदद हेतु आगे आयेंगे। संतान से सुखद समाचार मिलेगा। जीवन साथी से मनमुटाव की स्थितियां आयेगी। स्वास्थ्य भी नरम रहेगा। लापरवाही से बचें। अक्टूबर माह की 3, 13, 24 एवम् 29 तारीखें नेष्ट फलदायक है। अतः सावधान रहना चाहिए। आप विष्णु भगवान की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’’ का नित्य जप करें। हितकर होगा। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होगे।

4 कर्क (Cancer): ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो।
इस मास स्वास्थ्य की गड़बड़ी आपको परेशान करेगी। पैतृक जमीन-जायदाद से लाभ होगा। आर्थिक स्थिति तनावपूर्ण रहेगी। संतान संबंधी चिंता परेशान करेंगी, चोर भय सम्भव। उत्तरार्द्ध में आप अपनी कार्य प्रणाली में आवश्यक संशोधन करेगे। माता की चिंता रहेंगी। आपका अपने मित्र वर्ग में अलग-थलग पडना सम्भव, पारिवारिक वातावरण दूषित होने की सम्भावना, जिसका प्रभाव कार्य व्यवसाय पर दिखेगा। कार्य व्यवसाय में आप नए अनुबंध एवम् नये सम्बंध भी जोड़ने की चेष्टा करेंगे। आप से अधिक व्यय होगा। जीवन साथी की नाराजगी झेलनी पड़ेगी, मासांत में सभी परिस्थितियां धीरे-धीरे आपके माफिक हो जाएगी। घर परिवार के लोगों की उपेक्षा करना भविष्य में कष्टप्रद होगा, अतः सोच समझकर ही निर्णय लें। पिछली परेशानीयों से निजात पाने हेतु आपका संकल्प उच्चकोटि का होगा जिससे सफलता भी आपके चरण छूयेगी। अक्टूबर माह की 6,18,24 एवम् 31 तारीखें नेष्टफलदायक है अतः सावधान रहना चाहिए। आप नित्य शिवजी की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ नमः शिवाय ’’ का नित्य जाप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

 5 सिंह (Leo): मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे।
इस माह धन खर्च की अधिकता रहेगी। विगत माह की अपेक्षा ग्रह स्थितियां अनुकूल होगीं। कोर्ट कचहरी का चक्कर काटना पड़ सकता है। भूमि भवन संबंधी विवाद उत्पन्न होगा। आजीविका क्षेत्र में परिवर्तन आयेगा। गंभीर व्यवसायिक चिंतन में रहेंगे। आपके प्रभाव में वृद्धि होगी, स्थान परिवर्तन भी संभव, आर्थिक दबाव की अधिकता रहेगी। नवीन आय श्रोत्र में बाधायें आयेंगी फिजूल खर्ची देखा देखी में बढ़ेगी, आंशिक लाभ भी होगा। उत्तरार्द्ध अपेक्षाकृत अनुकूल जायेगा। अंतिम सप्ताह में थोड़ा-थोड़ा और सुधार दिखेगा। ऋण लेने की स्थितियां भी आयेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह माह अच्छा नही कहा जा सकता है। अंग-भंग या चोट आदि का खतरा संभव, वस्तुस्थितियों के कारण आप चिंतित रहने लगेंगे। आपको सावधानी बरतनी चाहिए। जाने अनजाने कुछ गलती हो सकती है। अक्टूबर माह की 1,6,12,23 एवं 27 तारीखें नेष्ट फलदायक है। अतः सावधान रहना चाहिए। आप नित्य लक्ष्मी-गणेश की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ श्री नमः’’ व ‘‘ऊँ गं गणपतये नमः’’ का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

6 कन्या (Virgo): टो, पा, पू, ष, ण, ठ, पे, पी।
इस माह रोजगार प्राप्ति व स्थान परिवर्तन का प्रबल सयोंग उत्पन्न हो रहा हैं। अनजाने लोगों पर विश्वास करना घातक सिद्ध होगा। वाहन,भूमि आदि क्रय का प्रबल योग। हलचल में वृद्धि रहेगी। कार्यक्षेत्र में विस्तार होगा व बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। भूमि व भवन का लाभ होगा। कार्य करने का ढंग बदलने से व्यवसाय में वांछित उन्नति होगी। कार्य व्यवसाय में ख्याति भी अर्जित करेंगे। तकनीकी कौशल उभरेगा। भागीदारी कार्य भी लाभदायक रहेगा। नये व्यवसायिक संबंध जुड़ेगे। परिवार व समाज में वर्चस्व वृद्धि होगी। कठोर श्रम कर परिस्थितियों को अपने माफिक करने में पूर्ण सफल होंगे। उत्तरार्द्ध में किसी भ्रामक स्थिति या धोखा हो सकता है, जिस कारण अत्यंत क्रोधी होने का भय, दैवीय कृपा से भ्रामक स्थितियों का शमन होगा। स्वास्थ्य की स्थिति कष्ट जनक रहेगी। उदर विकार परेशान करेंगा। खानपान का ध्यान रखें। अक्टूबर माह की 3,8,19,24 एवं 29 तारीखें नेष्ट फलदायक है। अतः सावधान रहना चाहिए। आप विष्णु भगवान की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’’ का नित्य जप करें। हितकर होगा। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होगे।
 7  तुला (Libra): रा, री, रू, रे, ता, ती, तू, ते।
इस माह अत्यधिक भागदौड़ की परिस्थितियां उत्पन्न होंगी।  परिश्रम ज्यादा किंतु फल कम की स्थिति आयेगी। विदेश यात्रा के योग बनेंगे। संतान की तरफ से सुखद समाचार मिलेगा।  राजकीय कार्यों में लाभ होगा। प्रथमार्द्ध से ही परिवर्तन दिखने लगेगे। बार बार यात्राओं के कारण फिजूल खर्ची बढ़ जायेगी, जिस कारण अपना बजट संतुलित करना कठिन पड़ जायेगा।  अत्यधिक व्यय के कारण मानसिक तनाव भी होगा।  उदारता के कारण हानि उठानी पड़ेगी।  उत्तरार्द्ध की भूमिका केवल आय पर निंयत्रित रहेगी। माह में किया गया पुरुषार्थ आने वाले समय में महत्वपूर्ण पविवर्तन देगा।  ऋण लेने की कोशिश करेंगे किन्तु प्राप्त नही हो पायेगा। साझेदारी के कार्य न करें तो आपके लिय हितकर होगा, मानसिक रुप से यदा कदा तनाव, स्वास्थ्य नरम रहेगा। पित्त विकार, स्वास पीड़ा व शारीरिक पीड़ा सम्भव।  पारिवारिक कलह से बचना चाहिए।  अक्टूबर माह की 10,21,24 एवं 30 तारीखें नेष्ट फलदायक है। अतः सावधान रहना चाहिए।  आप शनि की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ शं शंन्नैश्चराय नमः ’’ का नित्य जप करें। हितकर होगा। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होगे।

8 वृश्चिक (Scorpio): तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू।
इस माह में घरेलू बाधाओं के कारण कार्य व्यवधान होगा। अपने ही नजदीकीयों में परायेपन का अहसास होगा। अकस्मात यात्राओं से परेशानी होगी। संतान से विवाद की स्थिति होगी। पूर्वाद्ध में जहां लाभ अच्छें होगे वहीं उत्तरार्द्ध में परिस्थितियां में बड़ा बदलाव दिखेगा। व्यावसायिक स्थितियां प्रतिकूल रहेंगी। माता पिता से वांछित आर्थिक एवं नैतिक सहयोग मिलेगा। आर्थिक परेशानियां होंगी, किन्तु नियंत्रण में रहेगी। व्यवसायिक यात्राएं काफी होगी जो  आर्थिक उन्नति में सहायक होंगी। कार्य व्यवसाय में यदि आप परिवर्तन करते है तो कार्य का विस्तार भी होगा एवं विकास भी। स्वास्थ्य पीड़ा भी रहेगी, कमर का दर्द, पेट का दर्द कष्टप्रद होगा। आप आत्मविश्वास से लबालब रहेंगे, जो कि दूसरे के लिए भी प्रेरणा श्रोत रहेगा। दवाइयों का प्रयोग बढ़ेगा। माता पिता का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। स्त्री का सहयोग उन्नति में सहायक होगा। अक्टूबर माह की 7,17,24,28 एवं 29 तारीखें नेष्ट फलदायक है। अतः सावधान रहना चाहिए। आप नित्य शिवजी की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ नमः शिवाय ’’ का नित्य जाप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

9 धनु (Sagittarius): ये, यो, भ, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
इस माह दामपत्य जीवन में कुछ अनबन का योग बन रहा है। रचनात्मक एवं साहित्यिक गतिविधियां बढ़ेगी। समाज में मान सम्मान बढ़ेगा। किसी स्त्री से विवाद हो सकता है। यदि नौकरी करते है तो बेवजह उच्चाधिकारी के कोपभाजन का शिकार होना पडेगा। सावधानी पूर्वक कार्य पर ध्यान दें। मित्रजन आपकी मदद हेतु आगे आयेगे। प्रथमार्द्ध में जहां जीवन घटना प्रधान रहेगा वही उत्तरार्द्ध में आपकी आय के श्रोत बढ़ेगे व परिस्थितियां अनुकूल होंगी। राजकीय कार्यों में सहयोग मिलेगा। किसी परिचित व्यक्ति द्वारा षडयंत्र किया जा सकता हैं। फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहिए। बनावटी आचरण से दूर रहें। तेज गति से धन प्राप्ति की आंकाक्षा मन में जगेगी जो कि फलीभूत भी होगी। यदि आप अविवाहित है तो विवाह संबंधी बातें आगे बढ़ेगी। धार्मिक संस्थानों से सम्पर्क होगा। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आएगी, विषाक्त भोजन, उदर विकार से बचें। अक्टूबर माह की 2,13,19 एवं 25 तारीखें नेष्ट फलदायक है। अतः सावधान रहना चाहिए। आप नित्य गणेश जी की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ गं गणपतये नमः’’ का जप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

10 मकर (Capricorn): भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, ग, गी
इस माह स्थान परिवर्तन या नौकरी में तबादला होगा। कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ेगे, किसी पुराने विवाद में कोर्ट में विजय हासिल होगी। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। वाहनादि चलाते समय सावधानी रखे। दूरस्थ स्थान की यात्रा संभव। भाग्यावरोध का सामना करना पड़ेगा। नवीन योजनाओं पर अन्वेषण कर क्रियान्वन होगा, जो कि लाभदायक भी रहेगी। लाभदायक स्थितियों के बाद भी मन में निराशा बनी रहेगी। व्यक्तिगत जीवन में भी परेशानियां कम होने का नाम नही ले रही है। माता के स्वास्थ्य के प्रति चिन्तित रहेंगे। स्वास्थ्य नरम रहेगा, ज्वर आदि के प्रकोप में रहेंगे। जीवन साथी को भी आंशिक अस्वस्थता होगी। कार्य की व्यवस्तता के कारण घर परिवार के सदस्य आपसे दूर रहेगे। पूजा पाठ पर अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि निराशा का प्रवेश अनाधिकृत किया जा सके।  अक्टूबर माह की 1,6,13,27 एवम् 29 तारीखें नेष्टफलदायक है अतः सावधान रहना चाहिए। आप नित्य शिवजी की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ नमः शिवाय ’’ का नित्य जाप करें। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे।

11 कुंभ (Aquarius): गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
इस माह में परिवार का भरपूर सहयोग मिलेगा, जिससे आपका हौसला देखने लायक होगा।  राजकीय कार्यों में सफलता मिलेगी।  भूमि-भवन से धन की प्राप्ति होगी। कोर्ट कचहरी में हार का सामना करना पडेगा। जीवन साथी द्वारा दी गई सलाह /राय के अनुरुप कार्य करने पर लाभ की स्थितियां आयेंगी।  आध्यात्म में रूचि बढ़ेगी। व्यावसायिक कार्यों में सफलता मिलेगी।  अत्यधिक श्रम साध्य उपरांत भी श्रमानुरुप लाभ अर्जित नही हो पायेगा।  प्रथमार्द्ध व उत्तरार्द्ध जहां उत्तम जाएगा वही मासांत में कुछ कठिनाइयों का दौर चल सकता हैं। अपने वास्तविक कार्य से हटकर आप कुछ अलग करेंगे जो कि लाभदायक सिद्ध होगा। यदि कार्य प्रणाली में वांछित सुधार किया जा स्थितियां लाभप्रद होगी। कुछ नया सीखने एवम् करने हेतु तत्पर रहेंगे। आप कोई विशेष प्रशिक्षण भी हासिल करेंगे। माता से अनावश्यक वार्तालाप हो सकता है। अतः सावधान रहना चाहिए। अक्टूबर माह की 4,12,19 एवं 27 तारीखें नेष्ट फलदायक है। अतः सावधान रहना चाहिए। आप विष्णु भगवान की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’’ का नित्य जप करें। हितकर होगा। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होगे।

12 मीन (Pisces): दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची
इस माह स्थान परिवर्तन, तीर्थाटन की स्थितियां आएगी। धन हानि हो सकती हैं। किसी कारण वश समाज में अवहेलना हो सकती है, सोच समझकर कार्य करें। किसी प्रकार का लांछन भी लग सकता है। भूमि संबंधी कोई विवाद उत्पन्न हो सकता है। जहां शुरु में कुछ चिंताओं का आगमन होगा वहीं उत्तरार्द्ध में प्रस्थान भी हो जाएगा। आर्थिक प्रयास जारी रखें। पारावारिक सामंजस्य की कमी के कारण बिना वजह अशांति, कलह उत्पन्न हो सकता हैं। संबंधों में कमी न आने दें। आपसी समझ बूझ से कार्य लेना चाहिए। एक गलत निर्णय आपको बड़ी परेशानी में डाल सकता है। मासांत में अचानक धन प्राप्ति योग व पारिवारिक वातावरण भी सौहार्दपूण होने लगेगा। आय में वृद्धि से मन प्रसन्नचित्त रहेगा। स्वास्थ्य में कमी रहेगी। मानसिक तनाव, हाई ब्लड प्रेशर, इंफैक्शन वाले रोग परेशान करेगे। जोड़ो का दर्द भी मासांत में प्रभावित करेगा। जीवन साथी से संबंध प्रारम्भिक उठा पटक के बाद, सुखद रहेंगे। अक्टूबर माह की 8, 10,,24 एवं 28 तारीखें नेष्ट फलदायक है। अतः सावधान रहना चाहिए। आप शनि की अराधना करें एवम् ‘‘ऊँ शं शंन्नैश्चराय नमः ’’ का नित्य जप करें। हितकर होगा। शुभप्रद परिणाम प्राप्त होगे।
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प0  उमेश चन्द्र पन्त – ज्योतिषाचार्य,
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